ठाणे

Published: Jul 04, 2020 04:22 PM IST

आंदोलनसीटू ने किया भिवंडी प्रांत कार्यालय के बाहर आंदोलन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

भिवंडी. कोरोना महामारी संकटकाल में भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बगैर नियोजन संपूर्ण देश में लॉकडाउन घोषित कर देश की जनता को आर्थिक संकट में ढकेल दिया गया है. लॉकडाउन से समस्त रोजगार बंद होने स गरीब मजदूरों के समक्ष भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं. सीटू केंद्रीय समिति  की अगुवाई में लाल बावटा पावरलूम कामगार एवं बीड़ी कामगार संघटना अध्यक्ष कामरेड सुनील चव्हाण ने प्रांत अधिकारी मोहन नलदकर को ज्ञापन सौंपकर असंगठित गरीब मजदूरों के हितार्थ आवश्यक कदम उठाए जाने की अपील केंद्र एवं राज्य सरकार से की है. उक्त मौके पर लाल बावटा कामगार संघटना के दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे.

सीटू केंद्रीय समिति लाल बावटा पावरलूम कामगार व बीड़ी कामगार अध्यक्ष कामरेड सुनील चव्हाण द्वारा असंगठित मजदूरों के हितार्थ केंद्र एवं राज्य सरकार को दिए जाने हेतु सौंपे ज्ञापन में बताया गया है कि 25 मार्च से हुए 25 मार्च से हुए लॉकडाउन की वजह से गरीब मजदूरों के समक्ष आर्थिक परेशानी बढ़ गई है, जिससे भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आनन-फानन में लॉकडाउन लगाना देशवासियों को भयंकर संकट में ढकेल दिया है. आर्थिक परेशानी झेल रहे लाखों लोगों के समक्ष परिवार के भरण-पोषण की भयंकर समस्या उत्पन्न्न हो गई है.

आर्थिक बदहाली की वजह से असंगठित मजदूर भूखमरी झेल रहे हैं. प्रांत अधिकारी को सौंपे ज्ञापन में केंद्र एवं राज्य सरकार से गरीब मजदूरों के जीवनयापन हेत 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद सहित गरीब मजदूर के परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलो अनाज मुफ्त, मनरेगा स्कीम में 200 दिनों के लिए रोजगार व विद्यार्थियों की फीस माफी व पेट्रोल डीजल के भाव वापस लेने एवं महंगाई पर नियंत्रण लगाए जाने की मांग शामिल है. लाल बावटा पावरलूम कामगार एवं बीड़ी कामगारों द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से मुंह पर मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रांत अधिकारी कार्यालय के समक्ष प्रलंबित  मांगों को लेकर आंदोलन किया गया.