ठाणे

Published: Jun 30, 2021 08:01 PM IST

Vaccineठाणे जिले में कोविशिल्ड वैक्सीन का स्टॉक खत्म

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

ठाणे. ठाणे जिले (Thane District) में कोविशील्ड (Covishield) का स्टॉक (Stock) अब खत्म हो गया है और जिला प्रशासन से लेकर महानगरपालिकाएं अब कोवैक्सीन (Covaccine) पर निर्भर है। लेकिन अभी भी अधिकांश जनता को कोवैक्सीन पर विश्वास कम है और कोविशील्ड पर अधिक भरोसा है। अधिकतर लोग कोविशील्ड टीके  की मांग कर रहे है। लेकिन प्रशासन के पास इस वैक्सीन का खेप ही नहीं है। जिसके कारण आम लोगों को टीकाकरण (Vaccination) केंद्र से बिना टीका लगवाए ही लौटना पड़ रहा है। हलांकि प्रशासन का कहना है कि  कोवैक्सिन और कोविशिल्ड दोनों ही टीके प्रभावी हैं। 

गौरतलब है कि ठाणे जिले में शुरुवाती दौर में कोविशिल्ड को प्राथमिकता दी जा रही थी, क्योंकि कोविशिल्ड की तुलना में कोवैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक नहीं था। निजी केंद्रों पर भी टीकाकरण शुरू हो गया है, लेकिन यहां भी कोविशिल्ड ही उपलब्ध था। कोविशील्ड अब लगभग गायब हो चुकी है और कोवैक्सीन अधिक लगाया जा रहा है और सरकार द्वारा स्टॉक भी उपलब्ध कराया जा रहा है। हालांकि दोनों टीके प्रभावी हैं। कोविशिल्ड का असर शरीर में 71 प्रतिशत और कोवैक्सीन का 81 प्रतिशत है। अब कोविशील्ड का स्टॉक कम होने के कारण जिले में कोवैक्सीन को तरजीह दी जा रही है।  

कोरोना संक्रमण जिस समय ज्यादा बढ़ रहा था तो, सबसे पहले कोविशिल्ड को आगे लाया गया। हालांकि कोरोना महामारी की रफ्तार कम होते ही कोवैक्सिन को लोगों के बीच उतारा गया। इन सभी के बीच दावा किया गया है कि दोनों ही टीके कोरोना से बचाव में समान रूप से कारगर हैं। फिर भी शुरूआती दौर में कोविशिल्ड का 71 प्रतिशत और कोवैक्सीन का असर 81 प्रतिशत आंका गया था। इसलिए शुरू में कुछ नागरिकों ने कोवैक्सिन को प्राथमिकता दी। इसके बाद कोविशिल्ड का टीका लेने वालों को विदेश जाते समय हवाई यात्रा करने की अनुमति दी गई। इसे देखते हुए लोगों की पसंद कोविशिल्ड बन गई। दूसरी तरफ जिले को ध्यान में रखते हुए अब तक 17 लाख 88 हजार 19 लोगों को कोविशिल्ड की पहली और दूसरी खुराक दी जा चुकी है। कोवैक्सीन की एक लाख 82 हजार 559 पहली और दूसरी खुराक दी जा चुकी है। जिले में ज्यादातर जगहों पर कोविशिल्ड का स्टॉक है। शुरू से ही जिले में कोवैक्सीन से अधिक कोविशिल्ड की खुराक उपलब्ध कराई गई है। इसलिए नागरिक की भी कोविशिल्ड पसंद बन गई है। नागरिकों को इस बात को लेकर भी संशय है कि कोवैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद दूसरी खुराक मिलेगी या नहीं। ऐसे में भले ही कोवैक्सीन का असर अधिक हो, लेकिन इसकी उपलब्धता कम होने से लोग कोविशिल्ड को अधिक तरजीह दे रहे हैं।

टीकाकरण का आंकड़ा    

कोविशिल्ड

कोवैक्सीन