ठाणे

Published: Oct 16, 2020 07:50 PM IST

आरोप चर्मकार गटई स्टॉल वितरण में धांधली

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

ठाणे. ठाणे में चर्मकार गटई कामगार दशकों से परंपरागत रूप से काम करते रहे हैं. प्रशासनिक स्तर पर उपेक्षित के खिलाफ इस वर्ग के हितों की आवाज भी संबंधित सेवाभावी संस्थाएं उठाती रही हैं, जिस कारण मांग होती रही है कि चर्मकारों को शहर में अपना परंपरागत धंधा करने हेतु अधिकृत स्थान उपलब्ध कराया जाए. इसे ध्यान में रखते हुए ठाणे शासकीय निर्मयानुसार चर्मकारों को स्थायी स्टॉल के लाइसेंस भी दिए गए. जहां बैठकर व अपना धंधा कर सकें. लेकिन स्टॉल वितरण में विभागीय स्तर पर भारी घपला हुआ है. इस बात का खुलासा संत रोहिदास सामाजिक संस्था ने किया है और मांग की है कि चर्मकार स्टॉल वितरण में हुए भ्रष्टाचार की जांच करवाई जाए. इस बाबत उन्होंने ठाणे जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर और ठाणे मनपा आयुक्त डॉ. विपीन शर्मा को लिखित निवेदन भी दिया है.

बताया जाता है कि सात साल पहले समाज कल्याण विभाग ठाणे जिला की ओर से चर्मकार समाज के लिए गटई कामगार स्टॉल योजना के तहत सैकड़ों पतरे का स्टॉल बनाया गया था. इस पतरे के बने स्टॉल की आपूर्ति संभोग कंस्ट्रक्शन की ओर से किया गया था. इस संदर्भ में जानकारी देते हुए सुनील लोंगरे ने कहा है कि उस समय 238 पतरे के स्टॉल का वितरण किया गया था. लेकिन इस वितरण में बड़े पैमाने पर धंधली हुई थी.

उसी समय त्कालीन समाज कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त, ठाणे जिले ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि स्टॉल वितरण में धांधली हुआ है. लेकिन इस संवेदनशील मामले की विभागीय स्तर पर उपेक्षा की गई थी. जानकारी के अनुसार 238 स्टॉल उस समय के तत्कालीन समाज कल्याण व ठाणे जिला व्यवस्थापक संत रोहिदास चर्म उद्योग विकास महामंडल को सुपुर्द किया गया था.

दूसरी ओर अचंभित करने वाली बात है कि 238 स्टॉल का वितरण समाज कल्याण विभाग की ओर से किसके समक्ष किया गया, विभाग के पास इस बात के साक्ष्य नहीं हैं। इस बात की पुष्टि स्वयं माहिती अधिकारी ने भी की है. ऐसी स्थिति में सुनील लोंगरे का कहना है कि इस मामले की व्यापक जांच करवाई जानी चाहिए  उनका आरोप है कि स्टॉल वितरण में धांधली हुई थी.