ठाणे

Published: Dec 20, 2020 08:43 PM IST

मदद'पैसे' नहीं 'पेशे' से सेवा करता है यह शख्स

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

उल्हासनगर. जिन लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है वह अपने-अपने स्तर पर गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न, धान्य, कपड़े, जरूरत की अन्य चीजें दान करते हैं। लेकिन गरीब चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते हैं। लेकिन उल्हासनगर के पास वरपगांव में सैलून चलाने वाले भूषण सोनवणे एक अनाथ आश्रम में जाकर वहां रहने वाले 30 अनाथ बच्चों के मुफ्त में बाल काटकर खुद को भाग्यशाली मानते हैं। भूषण का कहना है पैसे न सही पर अपने पेशे के माध्यम से तो अनाथ बच्चों की मदद कर रहे हैं। 

स्थानीय वरपगांव में भूषण सोनावणे की अपनी सलून है। पिछले कुछ महीने से भूषण गुरवली गांव स्थित राइट्स ऑफ वुमेन संचालित छोटे बच्चों के अनाथ आश्रम में महीने में एक बार जाते हैं व वहां पर वह सभी बच्चों के बाल नि:शुल्क काटते हैं। भूषण का कहना है कि भविष्य में यदि उल्हासनगर, अंबरनाथ, कल्याण क्षेत्र स्थित अनाथालय संचालकों के उनको ऑफर आता है तो वह वहां जाने और अपनी सेवाएं प्रदान करने का इरादा और इच्छा भी रखते हैं। भूषण के अनुसार इससे उन्हें जो संतुष्टि मिलती है, वह अमूल्य है,  अर्थात, मानव सेवा ही भगवान की सेवा है।