ठाणे

Published: Dec 16, 2020 09:51 PM IST

मोर्चाकामगारों का जेएनपीटी कार्यालय पर मोर्चा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नवी मुंबई. उरण का जेएनपीटी बंदरगाह किसानों के बलिदान के बाद तैयार हुआ है लेकिन अपनी जान की बाजी लगाने वाले इन प्रकल्पग्रस्त किसानों को आज तक न्याय नहीं मिला है। अब केन्द्र सरकार जेएनपीटी बंदरगाह (JNPT Port) का निजीकरण करने की तैयारी है। यह खुलासा मावल के शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने जेएनपीटी कार्यालय पर आंदोलन के दौरान व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि सरकार निजीकरण के जरिए पोर्ट कामगारों को बर्बाद करना चाहती है लेकिन ऐसा नहीं होने देंगे और जरूरत पड़ी तो कामगारों के लिए सड़क पर भी उतरेंगे। बता दें कि बुधवार को जेएनपीटी कामगारों ने प्रशासनिक भवन पर मोर्चा निकाला था जहां पीपीटी हटाओ, जेएनपीटी कंटेनर टर्मिनल हटाओ का नारा दिया गया।

हालांकि इस मोर्चे के कार्यालय गेट पर पहुंचने से पहले ही पुलिस ने कासव चौक पर मोर्चा रोक लिया, जिसके बाद यह सभा में बदल गया। कामगार एकता संगठन, न्हावा शेवा बंदर कामगार संगठन एवं जेएनपीटी वर्कर्स यूनियन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस धरना प्रदर्शन में सांसद श्रीरंग बारणे, रायगड़ के सांसद सुनिल तटकरे समर्थन देने के लिए मौजूद थे।