महाराष्ट्र
Published: Dec 07, 2023 11:27 AM ISTNagpur Winter Session 2023शीतकालीन सत्र में रोज होगा 3 हजार लोगों का खाना, सिवनी से आते हैं खाना बनाने वाले लोग
- 70 किलो से अधिक फिश
- 100 किलो मटन
- 350 किलो लगता है चिकन
- 3500 अंडों की खपत
- 300 किलो सब्जी रोज
- MLA हॉस्टल : फुलका रोटी बनाने के लिए 30 से अधिक लोग सिवनी से आते हैं
नागपुर: उपराजधानी में विधानसभा शीत सत्र (Nagpur Winter Session 2023) का श्रीगणेश गुरुवार से होने जा रहा है. इसके लिए एमएलए हॉस्टल में नेताओं व कार्यकर्ताओं का आगमन भी शुरू हो चुका है. कई एक-एक करके अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. नेताओं के लिए एमएलए हॉस्टल की कैंटीन से बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों से पूरा हॉस्टल परिसर खुशबूमय हो रहा है. कैंटीन में विधायकों, नेताओं व उनके कार्यकर्ताओं की पसंद के अलग- अलग व्यंजन तैयार किए जा रहे हैं.
यहां पर महाराष्ट्रीयन, साउथ इंडियन, झुनका- भाकर, भर्ता, सावजी, वेज-नॉनवेज हर तरह के स्वादिष्ट व्यंजन तैयार होते हैं. सुबह 6 बजे से ही कैंटीन खुलते साथ ही यहां का परिसर खुशबूमय हो जाता है. शीत सत्र तक यहां पर रोज 3,000 लोगों के लिए खाना पकता है.
नाश्ते से सुबह की शुरुआत
कैंटीन के संचालक तपन डे ने बताया कि कैंटीन रोज सुबह 6 बजे खुल जाता है जो सुबह के नाश्ते के साथ शुरू होकर रात को 12 बजे के बाद खाने के साथ ही बंद होता है. 12 बजे के बाद भी किसी विधायक या नेता खाने का आर्डर देते हैं, उनके लिए तैयार किया जाता है. रात के खाने में स्पेशल डिश के रूप में झुनका
महाराष्ट्रीयन खाना सबसे ज्यादा पसंद
एमएलए हॉस्टल की कैंटीन में मटन बिरयानी, फिश करी और अंडा करी भी रहती है. यहां के महाराष्ट्रीय व्यंजनों को बाहर से आने वाले नेताओं द्वारा बहुत अधिक पसंद किया जाता है. इसमें झुनका-भाकर और बैंगन का भर्ता उनके फेवरेट व्यंजनों में से एक होता है. यहां फुल्की रोटी बनाने के लिए स्पेशली 30 लोगों की टीम सिवनी से आती है. कम समय में ज्यादा से ज्यादा फुल्के तैयार करते हैं, साथ ही झुनका भाकर के लिए विशेष रूप से काटोल के पास के एक गांव से महिलाएं बुलाई जाती है.
सेवा में रहते हैं 250 कर्मचारी
अधिवेशन के समय रोज 3,000 से अधिक का खाना बनाया जाता है. अधिवेशन के लिए यहां पर लगभग 200-250 कर्मचारी कार्यरत रहते हैं, जिनमें से 30 लोग सिर्फ खाना बनाने का कार्य करते हैं. कैंटीन में रोज 300 से 400 किलो से अधिक सब्जियां, 350 किलो चिकन, 3,500 अंडे, 100 किलो मटन व 70 किलो फिश आती है.
रोटी व मीठे में हलुआ दिया जाता है. कैंटीन की शुरुआत सुबह के नाश्ते से होती है. नाश्ते में दोसा, इडली, उत्तपम, ब्रेड बटर, सांबर वाड़ा, चाय और काफी मिलती है. उपवास के लिए साबूदाने की खिचड़ी की भी व्यवस्था रहती है. इसके बाद खाना एवं दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक फिर नाश्ते में पाव भाजी, छोला भटूरा, दही समोसा, आलू टिकिया, कचौरी का इंतजाम किया गया है.
भाकर और बैंगन का भर्ता रहता है. नेताओं व अन्य आने वाले लोग सबसे ज्यादा महाराष्ट्रीयन खाना पसंद करते हैं. इसमें बैंगन भर्ता, मैथी की सब्जी, बैंगन मसाला, झुनका भाकर, चावल, दाल फ्राई, साधी साथ ही शाम के समय ठंड को देखते हुए गरमा-गरम मसाला दूध रहता है. वहीं खास कोलकाता से मंगाई जाने वाली बंगाली मिठाई को काफी अधिक पसंद किया जाता है.