महाराष्ट्र

Published: Apr 16, 2024 09:56 PM IST

Lok Sabha Elections 2024उद्धव ठाकरे बोले- 'MVA सहयोगी दल अपने नेताओं की बगावत से निपटें'

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
उद्धव ठाकरे (फोटो सोर्स: पीटीआई)

मुंबई. शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि महाविकास आघाडी (एमवीए) के घटक दलों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपनी-अपनी पार्टियों के भीतर किसी भी बगावत को रोकें। सांगली लोकसभा सीट शिवसेना (यूबीटी) के खाते में जाने के बावजूद कांग्रेस के विशाल पाटिल द्वारा अपना नामांकन दाखिल करने के मद्देनजर ठाकरे ने यह टिप्पणी की।

ठाकरे ने पार्टी के चुनाव चिह्न के प्रचार के लिए एक गीत जारी करने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एमवीए पार्टियों का एक संयुक्त घोषणापत्र जल्द ही जारी किया जाएगा। एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस शामिल हैं। ठाकरे ने भरोसा जताया कि एमवीए महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी।

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, “एमवीए पार्टियों ने एक प्रेसवार्ता आयोजित की और सीट बंटवारा समझौते की घोषणा की। अब अगर कोई बगावत होती है तो उसे रोकने की जिम्मेदारी गठबंधन के सहयोगी दल की है।”

कांग्रेस के घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाप होने के भाजपा के आरोप का जवाब देते हुए, ठाकरे ने कहा कि सत्तारूढ़ दल का मुस्लिम लीग के साथ अधिक पुराना अनुभव है क्योंकि आजादी से पहले जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने उस संगठन के साथ गठबंधन किया था ताकि कांग्रेस बंगाल में सरकार नहीं बना सके। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर परोक्ष हमला करते हुए उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न ‘मशाल’ देश में निरंकुश शासन को राख में बदल देगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है और महाराष्ट्र से संबंधित पहलुओं को एमवीए के संयुक्त घोषणापत्र में शामिल किया जाएगा। ठाकरे ने कहा, “हमारा चुनाव चिह्न ‘मशाल’ महाराष्ट्र के कोने-कोने तक पहुंच गया है। अब ‘मशाल’ निरंकुश शासन को राख कर देगी।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल शिवसेना (यूबीटी) ने ‘मशाल’ चुनाव चिह्न पर अंधेरी उपचुनाव जीता था। पिछले साल, निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को चुनाव चि₨ह्न ‘तीर-कमान’ और मूल शिवसेना आवंटित की थी जबकि पार्टी के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को ‘मशाल’ चुनाव चिह्न आवंटित किया गया था।