वर्धा
Published: Jan 18, 2022 10:15 PM ISTStray Dogs45 दिन में 170 लोगों को किया घायल, शहर में आवारा श्वानों की दहशत
पुलगांव. इन दिनों शहर में आवारा श्वानों की दहशत फैली हुई है. जिससे पूरा शहर घबरा गया है. शहर के हर एक इलाकों में करीब 15-20 आवारा श्वान घुमते नजर आते है. जो बच्चे, महिला, पुरुषों पर हमला कर घायल कर रहे है. यहा तक कि, घायल श्वानों के हमले में भी बढ गए है. इन आवारा श्वानों के हमले में गत 45 दिनों में 170 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आयी है. जिससे नागरिकों में दहशत फैली हुई है.
उल्लेखनीय है कि, ग्रामीण अस्पताल का रजिस्टर श्वान के हमले में घायल लोगों के नाम से भर गया है. दिसंबर से 15 जनचरी तक 45 दिनों में 170 लोग आवारा श्वानों के शिकार हुए है. जिसमें पागल श्वानों के कांटने की ज्यादा घटनाएं होकर 137 पुरुष व 23 महिलाएं घायल है. इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी कई अपना इलाज करवा रहे है.
कैम्प रोड पर 100 से अधिक आवारा श्वान
शहर का मुख्य मार्ग कैम्प रोड गुरुछारा के सामने चिकन की दुकाने और वही पर सार्वजनिक निर्माणकार्य की दीवार को लगकर चिकन बिर्यानी सेंटर, अन्य खाद्य पदार्थो की दूकाने होने के कारण आसपास व रोड पर करीब 100 से अधिक श्वानों का डेरा जमा रहता है. यहा तक कि, वाकिंग करनेवाले नागरिकों पर यह श्वासन हमला कर रहे है.
ऐसे में लोग दशहत के कारण दुर्घटना का शिकवार हो रहे है. लेकिन प्रशासन का इस ओर ध्यान नही है. चिकन सेंटर व बिर्यानी वाले सारा कचरा वही पर डाल देते है जिसकी वजह से आवारा श्वान वहा जमा रहते है. इतना ही नही तो तहसील कार्यालय के पास भी बिर्यानी सेंटर खुलने से वहा भी श्वानों का जमावडा देखने को मिलता है. लेकिन किसी के कानों में जु तक नही रेंग रही है कि, आम जनता इन श्वानों का शिकार हो रहे है.
साप्ताहिक बाजार में भी आतंक
शहर का मुख्य साप्ताहिक बाजार मार्केट जहां पर है वही मटन मार्केट व मच्छी मार्केट बना हुआ है. जिस कारण वहा पर आवारा श्वानों ने आतंक मचाया हुआ है. आवारा श्वानों इंसानों के साथ पशुओं पर भी हमला कर रहे है. वही से सटकर नागपुर फैल, सुभाष नगर, तेलघानी फैल, शास्त्री नगर के कई नागरिक श्वान के हमले में घायल हुए है. इधर हरिराम नगर, दखनी फैल, नाचणगांव रोड, गांधी नगर के भी कई नागरिकों पर श्वानों ने हमला कर घायल किया है.
जिससे शहर भर में दहशत का वातावरण बना हुआ है. बहुत अच्छी बात है कि मेनका गांधी ने जानवरों की सुरक्षा हेतु अच्छे कदम उठाये है, लेकिन श्वानों की बढती आबादी के कारण इंसानो को अपनी जान गवानी न पडे. ऐसे में सवाल यह है कि, इंसानों की सुरक्षा कौण करेंगा. शासन, प्रशासन इस संदर्भ में कडे कदम क्यो नही उठा रहा?ऐसा सवाल अब सभी ओर से उठ रहा है.