वर्धा

Published: Mar 24, 2021 01:55 AM IST

Tax2017 से कपास पर 5 प्रश टैक्स लागू

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

वर्धा. कपास व्यापाररी और जिनिंग संचालकों से बिते चार वर्ष से आरसीएम(रिवर्स चार्ज मेकनिज्म) टैक्स वसूला जा रहा है. टैक्स के भुगतान के कारण व्यापारियों आ रही दिक्कतों पर सांसद रामदास तड़स ने संसद में प्रश्न उपस्थित किया. सांसद के प्रश्न केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लिखित जवाब दिया है.

वर्ष 2017 से केंद्र सरकार ने कपास खरीदी पर 5 प्रश आरसीएम टैक्स लागू किया है. इस कारण प्रतिदिन जितने रुपए का कपास खरीदा, उस पर पांच प्रश टैक्स का   भुगतान व्यापारियों करना पड़ता है. किंतु भुगतान किये हुए टैक्स के रिटर्न को लेकर व्यापारियों की निरंतर शिकायतें थी. सरकार ने टैक्स लौटाने के संदर्भ में कोई प्रावधान नहीं करने से व्यापारियों आर्थिक नुकसान सहना पड़ता था. इसका असर किसानों पर पड़ता था.

सरकार ने नहीं किया लौटाने का प्रावधान 

सरकार को टैक्स चुकाने के कारण किसानों के कपास को दाम कम मिलते थे, जिससे देश के जिनिंग संचालकों ने टैक्स को लेकर मुहिम छेड़ी थी. परंतु इसका कोई हल नहीं निकला. स्थानीय व्यापरियों ने सांसद तड़स को निवेदन देकर यह प्रश्न हल करने की मांग की थी. इसके चलते सांसद ने प्रश्नकाल में प्रश्न उपस्थित किया था. वित्तमंत्री सीतारमण की ओर से इस संदर्भ मे लिखित जवाब सांसद को भेजा गया है. इसमें सरकार सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा के अंतर्गत टैक्स का भुगतान किया जाता है.