वर्धा
Published: Dec 20, 2023 02:03 AM ISTUnemploymentWardha News: वर्धा में 93,663 बेरोजगार, वर्षभर में 15 सम्मेलन, केवल 515 को मिला रोजगार
वर्धा. उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी युवकों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है. जिले में उद्योजकता मार्गदर्शन केंद्र के अनुसार 93 हजार 663 बेरोजगारों का पंजीयन हुआ है. इसमें पुरुष 56 हजार 716 तथा महिला 36 हजार 947 है. जिले में सालभर में 15 रोजगार सम्मेलन लिये गये. इसमें केवल 515 को ही रोजगार उपलबध होने की बात सामने आयी है. विविध कंपनियों को कुशल मनुष्यबल की आवश्यकता होती है. इसकी पूर्तता होती नहीं, ऐसा दर्शाया जाता है. परंतु प्रतिभा होते हुए भी गलत नीतियों के कारण कई युवक बेरोजगार रह जाते है.
हर साल स्नातक व स्नातकोत्तर की शिक्षा लेकर हजारों युवक महाविद्यालय, शिक्षा संस्थाओं से बाहर आ रहे है़. परंतु उन्हें रोजगार के लिये दर-दर भटकना पड़ रहा है. यह गंभीर स्थिति जिले में बनी है. जिला कौशल्य विकास, रोजगार व उद्योजकता मार्गदर्शन केंद्र की ओर से समयसमय पर रोजगार सम्मेलन लिये जाते है़. इसके माध्यम से कंपनी तथा उमीदवार में समन्वय बनाया जाता है.
सर्वाधिक 10वीं पास 23,106 का समावेश
जिले में दसवीं तक शिक्षा लेनेवाले सर्वाधिक 23 हजार 106 बेरोजगारों का पंजीयन हुआ है़ इसके बाद बारहवीं हुए 21 हजार 496, तकनीकि शिक्षा पूर्ण करनेवाले 2 हजार 144, आयटीआय पूर्ण हुए 4 हजार 110, आर्ट्स ग्रज्यूएट 6 हजार 55, साइन्स 1 हजार 464, कार्मस के 1 हजार 950, इंजीनियरिंग के 2 हजार 853 एवं मेडिकल स्नातक 47 व अन्य बेरोजगारों का जिले में पंजीयन हुआ है. इस वर्ष फरवरी से नवम्बर तक कुल 12 रोजगार सम्मेलन हुए. विविध कंपनियों के पास 8 हजार 831 सीटे उपलब्ध थी. परंतु सम्मेलन से केवल 515 ही उम्मीदवारों को रोजगार उपलब्ध हुआ है. दिसंबर में नागपुर में दो दिवसीय नमो महारोजगार सम्मेलन लिया गया. इसमें 10 हजार से अधिक कुशल, अकुशल तथा अर्धकुशल तकनीकि, अतकनीकि क्षेत्र के प्रोफेशनल रोजगार को अवसर उपलब्ध था. मात्र, कंपनी द्वारा बेरोजगारों का केवल बायोडाटा लिया गया, अब तक रोजगार उपलब्ध नहीं कराया है.
प्रतिवर्ष होते हैं रोजगार सम्मेलन
जिला कौशल्य विकास, रोजगार व उद्योजकता मार्गदर्शन केंद्र के माध्यम से प्रतिवर्ष रोजगार सम्मेलन लिये जाते है. इसके माध्यम से बेरोजगार उम्मीदवारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाते है. परंतु उमीदवार की अधिक उम्मीद होने की बात सम्मेलन में सामने आयी है.
-रू. हू. ठाकूर, कनिष्ठ अधिकारी, कौशल्य विकास, रोजगार व उद्योजकता केंद्र