वर्धा

Published: Oct 02, 2022 02:35 AM IST

Disobedience caseआरोपी को 3 वर्ष जेल की सजा, नाबालिग का विनयभंग प्रकरण

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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वर्धा. नाबालिग का विनयभंग प्रकरण में आरोपी को तीन वर्ष की जेल व जुर्माने की सजा सुनाई गई. उक्त निर्णय विशेष जिला न्यायाधीश वीटी सूर्यवंशी ने दिया़ सजायाफ्ता आरोपी सेलू तहसील के घोराड निवासी पंकज अशोक परतेकी (36) बताया गया़ 17 सितंबर 2015 को पीड़िता के माता पिता किसी काम से बाहर गये थे.

14 वर्षीय पीड़िता घर में अकेली थी़ दोपहर 2 बजे के दौरान आरोपी पंकज नशे की हालत में पीड़िता के घर में घुसा, जहां उसने पीड़िता के भाई को धमकाया़ इतना ही नहीं तो पीड़िता को पकड़कर उसका विनयभंग किया़ किसी तरह पीड़िता उसके चंगुल से छूटकर बाहर निकली व अपनी मां के पास पहुंची़ उस समय आरोपी पीड़िता के मकान के सामने ही खड़ा था.

पीड़िता की मां ने आरोपी को फटकारने पर उसने पीड़िता व उसकी मां के साथ मारपीट की़ पश्चात डर के मारे दोनों मकान में चली गई व भीतर से दरवाजा बंद कर दिया़ पड़ोसी महिला ने भी आरोपी को फटकार लगाई, परंतु वह किसी की सुनने के लिये तैयार नहीं था़ पीड़िता ने किसी तरह परिजनों से संपर्क कर सेलू थाने का क्रमांक हासिल किया़ पश्चात थाने में फोन लगाकर आपबीती कथन की़ पुलिस ने भी मौके पर पहुंच कर स्थिति को संभाल लिया़ पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया.

जांच पड़ताल के बाद पीएसआई शुभांगी तकित ने प्रकरण न्याय प्रविष्ट कर दिया़ सरकारी पक्ष की ओर से विशेष सरकारी वकील विनय आर घुडे ने काम संभाला़ उन्हें पैरवी अधिकारी विक्रम कालमेघ ने सहयोग दिया़ कुल 5 गवाहों के बयान लिये गये़ दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश सूर्यवंशी ने उपरोक्त निर्णय सुनाया.