वर्धा

Published: Nov 21, 2021 01:23 AM IST

आयोजनएमगिरी की तकनीक का मिल रहा है लाभ, जिलाधिकारी देशभ्रतार ने कहा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वर्धा. जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार ने कहा कि महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित, शाश्वत अर्थव्यवस्था खड़ी करने में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगीकरण संस्थान (एमगिरी) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है़  प्राकृतिक संसाधनों का मूल्यवर्धन करके रसायनमुक्त प्रभावी और अच्छी गुणवत्ता वाले साबुन, शैम्पू, हैन्डवाश और फ्लोर क्लीनर जैसे अनेक उत्पाद बनाए जा सकते है़  यह विश्वास एमगिरी द्वारा विकसित पंचगव्य आधारित उत्पादों को देखकर होता है.

एमगिरी यह राष्ट्रीय संस्थान है और पूरे देश को इस संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों का लाभ मिल रहा है़  एमगिरी के जैव प्रसंस्करण एवं जड़ी-बूटी विभाग की ओर से आयोजित तथा खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा प्रायोजित छह दिवसीय पंचगव्य उत्पाद पर कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रमाणपत्र जिलाधिकारी के हस्ते वितरित किए गए.  

200 लोगों को दिया गया उत्पादों की ट्रेनिंग 

संस्थान के जैव प्रसंस्करण एवं जड़ी-बूटी विभाग द्वारा पंचगव्य आधारित अनेक मूल्यवर्धित उत्पाद विकसित किए गए हैं और देश के अनेक राज्यों के गौपालक, युवा, महिलाएं और किसान एमगिरी से इन पंचगव्य उत्पादों का प्रशिक्षण लेकर सफलता से अपना उद्योग चला रहे हैं. इस सफलता से प्रभावित हो कर प्रधानमंत्री द्वारा गठित राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अनुरोध पर खादी ग्रामोद्योग आयोग के ग्रामीण अभियांत्रिकी एवं नवीन तकनीकी उद्योग निदेशालय द्वारा एमगिरी को 22 लाख रु. का एक प्रोजेक्ट दिया गया है़  इसमें देश के विभिन्न राज्यों से चयनित 200 व्यक्तियों को पंचगव्य उत्पादों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है़ 

श्रृंखला का यह चौथा प्रशिक्षण कार्यक्रम है 

यह इस श्रृंखला का चौथा प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसमें महिला सशक्तिकरण हेतु कार्यरत शक्ति संगठन  के सहयोग से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, मणिपुर, आसाम, महाराष्ट्र आदि राज्यों से महिलाओं ने पंचगव्य उत्पादों का प्रशिक्षण लिया़  कार्यक्रम में शक्ति संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्षा डा. सुधा तिवारी, जै. प्र. ज. बू. विभाग के प्रभारी उपनिदेशक डा. आदर्शकुमार अग्निहोत्री, संस्थान की वरिष्ठ अधिकारी डा. अपराजिता वर्धन, देवेन्द्र कुमार, अजय चौहान ने मार्गदर्शन किया़  सफलतार्थ डा. जयकिशोर छांगाणी, निकिता भांगे, विनस, मोहन कापसे, डिंकेश ढोले, नीलेश काटेकर, ओजस ने सहयोग किया.