वर्धा

Published: May 29, 2022 02:03 AM IST

Water shortageसुरगांव में कृत्रिम जलकिल्लत, बूंद-बूंद के लिए भटक रहे ग्रामीण, प्रशासन की अनदेखी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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सेलू (सं). समूचे विदर्भ में रंगों के बगैर होली के लिए प्रसिद्ध सुरगांव के ग्रामीण इन दिनों बूंद-बूंद पानी के लिए भी भटक रहे हैं. स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के चलते गांव में कृत्रिम जल किल्लत निर्माण हुई है. इस संदर्भ में ग्रापं सरपंच व सचिव को पूछने पर सही जवाब नही मिलता, जिससे पानी के लिए किसके पास जाए? ऐसा सवाल ग्रामीण उपस्थित कर रहे है.

गांव समीप पानी का स्त्रोत होनेवाले सूर नदी में पानी होकर बहती रहती है. परंतु फिर भी गांव प्यासा है. गांव में जलापूर्ति करने दो लाख रुपए खर्च कर जलकुंभ बनाया गया है. परंतु यह जलकुंभ भी गांव की प्यास बुझाने काम नहीं आ रहा है. जिसके लिए सदोष पाईप लाइन जिम्मेदार बताई जा रही है.

इस संदर्भ में सरपंच व ग्राम सचिव क ध्यान केन्द्रीत किया गया. परंतु वे पूरी तरह से अनदेखी कर रहे है. जिससे ग्रामीणों को जलकिल्लत के लिए तरसना पड रहा है. परिणामस्वरुप ग्रापं की लापरवाही से ग्रामीण त्रस्त है. इस संदर्भ में वरिष्ठों की ओर शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है. जिससे नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

मनमानी चल रहा ग्रापं का कार्य

इस ग्रामपंचायत का कार्य मनमानी रूप से चल रहा है. शासकीय नियमों का खुलेआम उल्लंघन होता है. जिससे ग्रामीणों को विविध समस्या का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन उनकी सुध लेने के लिए कोई तैयार ही नहीं है. जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है.

ग्रापं का गलत नियोजन

पानी यह नागरिकों की मूलभूत जरूरत है. ग्रीष्म में तो पानी की अधिक आवश्यकता होती है. परंतु स्थानीय ग्रामपंचायत प्रशासन के गलत नियोजन के कारण ग्रामीणों को कृत्रिम जलकिल्लत का सामना करना पड़ रहा है. जिससे वरिष्ठों ने ध्यान देकर संबंधितों पर कार्रवाई करने की मांग ग्रामीणों ने की है.