वर्धा

Published: Jun 02, 2021 09:35 PM IST

वर्धासुबह भीड, शाम में सन्नाटा; नियमों का पालन करने में जुटा प्रशासन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वर्धा: मई माह में कोरोना की दुसरी लहर पीक पाइंट पर पहुंच गई थी. जिसे नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने पूर्णत: लाकडाउन घोषित किया.नतिजन  कोरोना मरीजों की संख्या कम अब धिरे धिरे कम हो रही है.  परिणामवश प्रशासन ने फिर से अनलाक की प्रक्रिया शुरू करते हुए निर्बंधों में रियायत दी है.  शहर का बाजार सोमवार से शुक्रवार सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक खुला रखने के निर्देश दिये गये है.परिणामवश 1 बजे तक मार्केट में भीड उमड रही है. वही शाम के समय सडकों पर सन्नाटा छाया रहता है. 

कोरोना का खतरा अभी भी टला नहीं है, जिससे कोरोना नियमों का पालन हो इस ओर प्रशासन ध्यान रखे हुए है.  फिर से प्रशासन ने ढिलाई दी तो निश्चित ही मरीजों की संख्या में वृद्धी होगी और फिर से लाकडाउन लगाने की नौबत आ सकती है.  पूर्वानुभव को देखते हुए अब नागरिक भी स्वयंस्फूर्ती से कोरोना नियमों का पालन करते दिख रहे है.  

कपडा, सराफा मार्केट में चहलपहल

निर्बंधों के कारण शादियों के साथ ही अनेक पारिवारिक समारोह पर पाबंदी लगाई गई है.  भीड न जमाते हुए घरों में ही चुनींदा लोगों की उपस्थिती में यह कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश है.  लेकिन गत माह मार्केट पूर्णत: बंद होने से लोग घरों में भी समारोह आयोजित नहीं कर सके. लेकीन अब लोग फिर समारोह आयोजित करने के मुड में दिख रहे है.  जिससे खरीददारी व अन्य कामों के लिये दोपहर 1 बजे तक मार्केट में चहलपहल के साथ सडकों पर भीड दिखाई देती है.  

दुकानदार भी बरत रहे सावधानी

लाकडाउन नियमों का कडाई से पालन होने के कारण पहली लहर में कोरोना की भीषणता ज्ञात नहीं हुई.  जिससे बाजार खुलते ही लोग जगह जगह भीड करते दिखाई दे रहे थे.  किंतु दुसरी लहर का खामियाजा हमें भुगतना पडा.  जिससे इस बार दुकानदार भी सावधानी बरत रहे है.  कोरोना से बचने के लिए दुकानों में भीड न हो इस ओर ध्यान दिया जा रहा है़ 

मुस्तैद प्रशासन 

दोपहर 1 बजे के बाद नगर परिषद तथा पुलिस विभाग के कर्मचारी चौराहों पर तैनात हो जाते है.  बिनावजह घुमनेवालों की जांच की जा रही है.  प्रशासन की मुस्तैदी के कारण दोपहर के बाद शहर में सन्नाटा छाया रहता है़  नियमों का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ प्रशासन सक्ती से कार्रवाई कर रहा है. हालाकि, देर शाम तक पुलिस चौराहों पर तैनात नहीं थी़  फिर भी नागरिक भी बेवजह घरों से बाहर निकलना टाल रहे थे.