वर्धा

Published: Jun 19, 2021 12:24 AM IST

Floodsबारिश से नदी-नालों में बाढ़; धुआंधार से खेतों में जलभराव, दोबारा बुआई का संकट

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

सिंदी-रेलवे (सं). गुरुवार की रात्रि दो घंटे हुई धुआंधार बारिश से क्षेत्र के नदी-नालों में बाढ़ आ गई़ खडका नाला, सिंदी नंदा नदी, पीपरा नाला, मारडा नदी लबालब भरकर पुल के ऊपर से पानी बहने लगा़ कई खेतों में जलभराव होने से बुआई किये गए बीजों का नुकसान हुआ़ परिणामवश क्षेत्र के किसानों पर दोबारा बुआई का संकट मंडरा रहा है़ मृग नक्षत्र में वर्षा के आगमन से किसानों में खुशी की लहर छा गई़ कृषि विभाग की सूचना को नजरअंदाज कर कुछ किसानों ने सोयाबीन, कपास, तुअर की बुआई शुरू कर दी़ जब तक 75 से 100 मिमी बारिश नहीं होती, तब तक बुआई न करने का आह्वान कृषि विभाग ने किया था.

दो घंटे की झमाझम वर्षा ने बरपाया कहर 

सेलडोह, परसोडी, सिंदी, दिग्रज, विखणी, भोसा, उमरा, पलसगांव, पीपरा, हेलोडी, मारडा, कलमना, कांढली में किसानों ने बुआई कर दी़  इस बीच सप्ताहभर बारिश के योग न होने की बात सामने आते ही किसानों में मायूसी छा गई़  बावजूद इसके कुछ किसान नहीं रूके़  ऐसे में 17 जून को दो घंटे तक हुई धुआंधार बारिश ने कहर बरपाया़  क्षेत्र के नदी नालों में बाढ़ आने से गांव तक पानी पहुंच चुका था़  

टनल में फिर जलभराव से बढ़ी मुश्किल

मांगली गेट क्रं. 105 पर रेल विभाग ने गेट बंद कर टनल का निर्माण किया़  परंतु बारिश के दिनों में टनल में जलभराव होने से यातायात प्रभावित हो जाता है़  गुरुवार की रात्रि हुई बारिश से फिर एक बार टनल में 6 फीट तक पानी भर गया था़  इससे नागरिकों का आवागमन मुश्किल हो गया है़  इस ओर गंभीरता से ध्यान देना जरूरी है़  इसके पहले दो बार रेल विभाग ने टनल से पानी निकाला, परंतु गुरुवार को यही स्थिति पैदा हो गई़  खेती के काम शुरू है.  

किसानों को खेती करने में आ रही परेशानी 

पानी भरा होने से वे टनल से नहीं जा  पाते़  टनल में स्थायी जल निकासी की व्यवस्था करना जरूरी है़  खेतों में बैलगाड़ी से सामग्री, खाद न ले जा पाने से किसानों को वापस लौटना पड़ रहा है़  इससे खेती करना मुश्किल होने की संतप्त प्रतिक्रिया किसान अनिल पडोले, प्रभाकर कालबांडे, रामकृष्ण पडोले, विनायक कालबांडे, संतोष गिरडे, शकीलभाई, विजय कालबांडे, महादेव चांभारे, धनराज आष्टेकर, अनिल कालबांडे ने दी.