वर्धा

Published: Sep 02, 2022 11:32 PM IST

Immersionनिजी संगठनों के भरोसे विसर्जन, नप प्रशासन ने नहीं की पर्यावरणपूरक प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वर्धा. आज गणेशोत्सव का चौथा दिन है़ ऐसे में घरों में विराजमान गणेश प्रतिमा का विसर्जन प्रारंभ हो गया है़ एक ओर प्रशासन की ओर से अधिकारियों द्वारा पर्यावरणपूरक विसर्जन करने का निरंतर आह्वान किया जा रहा है़ किंतु, विसर्जन की व्यवस्था तथा जनजागृति में प्रशासन अभी भी पीछे है़ नगर परिषद प्रशासन ने अभी कोई व्यवस्था नहीं की है़ फिलहाल शहर में पर्यावरणपूरक विसर्जन निजी संगठनों के भरोसे चल रहा है.

प्रशासन की उदासीनता से बढ़ रहा प्रदूषण

शहर में गणेशोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है़ घर-घर गणेश प्रतिमा की स्थापना होती है़ इस दौरान कुछ लोगों के यहां डेढ़ दिन, 2 दिन, 3 दिन, 4 दिन, 5 दिन, 6 दिन, सातवें दिन के बाद ही श्रीगणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है़ एक ओर नदियों में प्रतिमा के विसर्जन से बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर प्रशासन पर्यावरणपूरक श्रीगणेश प्रतिमा के विसर्जन पर प्रशासन की ओर से जोर दिया जा रहा है़  लेकिन विसर्जन की व्यवस्था व जनजागृति का अभाव दिखाई दे रहा है.

आखिरकार व्यवस्था के लिए निजी संगठन आगे

डेढ़ दिन से सातवें दिन तक बड़े पैमाने पर गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है़  इससे प्रशासन की ओर से नगर परिषद प्रशासन ने कुछ चुनिंदा जगह पर पर्यावरणपूरक विसर्जन की व्यवस्था करना जरूरी था़  किंतु गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया़ शुक्रवार को छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर रोटरी क्लब द्वारा लगाए पर्यावरणपूरक विसर्जन कुंड का जिलाधिकारी कार्डिले के हस्ते उद्घाटन किया़  इस प्रसंग पर जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. सचिन ओम्बासे व अन्य अधिकारी उपस्थित थे़ पर्यावरणपूरक विसर्जन के लिए हनुमान टेकड़ी पर वीजेएम ने व्यवस्था की है, जिससे फिलहाल निजी संगठन ही आगे दिख रहे है.   

अनंत चतुर्दशी पर नप प्रशासन की व्यवस्था

शहर में पर्यावरणपूरक गणेश विसर्जन की व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर परिषद प्रशासन की ओर है़ डेढ़ दिन से ही गणेश विसर्जन को आरंभ होने से शहर के चुनिंदा चौराहों पर पर्यावरणपूरक विसर्जन की व्यवस्था करना जरूरी था़ लेकिन केवल अनंत चतुर्दशी के एक दिन पहले से ही व्यवस्था किए जाने की बात स्पष्ट की है़  जनजागृति का अभाव भी दिखाई दे रहा है़ इससे नप ने आर्वी नाका, बजाज चौक परिसर में तो भी व्यवस्था करनी चाहिए थी. यह भावना नागरिकों ने व्यक्त की थी.