वर्धा

Published: Nov 24, 2021 01:05 AM IST

Irrigationमात्र 17 प्रश क्षेत्र में सिंचाई, निम्न वर्धा प्रकल्प के अधिकांश कार्य प्रलंबित

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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वर्धा. रबी का मौसम शुरू होते ही फिर एक बार खेती में सिंचाई का मुद्दा उपस्थित हो गया है़ जिले के अधिकांश खेत सिंचाई के निचे लाने के लिए निम्म वर्धा प्रकल्प को मिल का पत्थर माना जा रहा था. किंतु वास्तविकता कुछ और ही है़ निम्न वर्धा प्रकल्प की कुल सिंचाई क्षमता 63 हजार 333 हेक्टेयर क्षेत्र है़ प्रकल्प से गुजरने वाली नहरों की उपशाखाएं कई जगह क्षतिग्रस्त हो गई है़ अधिकांश कार्य प्रलंबित होने से पिछले 2 वर्षों में क्षमता से मात्र 17.86 फिसदी ही सिंचाई निम्न वर्धा प्रकल्प से हो रही है.

अधिकतर क्षेत्र आज भी असिंचित

जिले में वर्धा, हिंगनघाट, आर्वी तथा देवली तहसील से निम्न वर्धा प्रकल्प की नहरें गुजरती है़ चारों तहसील में ज्यादातर खेती का क्षेत्र यह असिंचित है़   किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेत में सिंचाई काफी जरूरी है़ इसके लिए सरकार की ओर से योजनाएं चलाकर ज्यादा से ज्यादा खेती सिंचाई के निचे लाने के प्रयास किए जा रहे है़ ऐसे में निम्न वर्धा प्रकल्प का किसानों को लाभ होने की उम्मीद थी़ किंतु, अधिकांश कार्य प्रलंबित होने के साथ ही नहरों की उपशाखाएं क्षतिग्रस्त होने से अब तक केवल क्षमता से काफी कम सिंचाई होने से इस ओर गंभीरतापूर्वक ध्यान देने की जरूरत है.

जिले के सिंचाई क्षेत्र में आई कमी 

निम्न वर्धा प्रकल्प की कुल सिंचाई क्षमता यह 63 हजार 333 हेक्टेयर क्षेत्र तक है़ इसमें से 13 हजार 569 हेक्टेयर क्षेत्र मे से 8330 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता यह आर्वी उपसा सिंचाई योजना से प्रस्तावित है़ इसका कार्य प्रगतिपथ पर होने के साथ ही 30 प्रतिशत पूर्ण हुआ है़   इससे कुल निर्मित सिंचाई क्षमता 49764 हेक्टेयर क्षेत्र है़ सिंचाई विभाग के अनुसार वर्ष 2018-19 में 15 हजार 990 हेक्टेयर क्षेत्र पर सिंचाई की गई़ वर्ष 2019-20 में 11342 हेक्टेयर क्षेत्र पर सिंचाई हुई तथा 2020-21 के रबी मौसम में 11 हजार 317 हेक्टेयर क्षेत्र पर सिंचाई की गई है़ किंतु, नहर की उपशाखाएं क्षतिग्रस्त होने के बावजूद मरम्मत कार्य समय पर नहीं होने से प्रति वर्ष सिंचाई के क्षेत्र कम होने की बात सामने आ रही है.

इस वर्ष 14000 हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य

रबी के मौसम में इस बार वर्धा, हिंगनघाट, आर्वी, देवली तहसील में कुल 14 हजार हेक्टेयर क्षेत्र खेती में सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया है़ वहीं अधिकांश नहर की उपशाखाएं क्षतिग्रस्त होने के बावजूद मरम्मत कार्य पूर्ण नहीं किया गया़ बारिश अच्छी होने के बावजूद भी किसानों पर सिंचाई से वंचित रहने की नौबत आन पड़ी है.

63,453 हेक्टेयर में नहर की उपशाखाएं

निम्न वर्धा प्रकल्प के अंतर्गत नहर की उपशाखाएं बनाने का 63,453 हेक्टेयर पर नियोजन है़ इसमें से 33,098 हेक्टेयर का कार्य ही अब तक पूर्ण हुआ है़ प्रकल्प के अंतर्गत यह कार्य जून 2024 तक पूर्ण करने की अंतिम तिथि दी गई है.