वर्धा

Published: Sep 12, 2021 01:14 AM IST

Politicsविरोधियों ने फंसाने का किया प्रयास, पुत्र के विवाह पर सांसद तड़स ने कहा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वर्धा. सांसद रामदास तड़स ने पत्र परिषद में कहा कि पंकज व पूजा के विवाह मामले को विरोधियों ने राजनीतिक स्वरूप देकर मुझे फंसाने का प्रयास किया. घर जोड़ने की बजाय उसे तोड़ने का प्रयास किया गया है. इस पूरे मामले से मेरा किसी प्रकार का संबंध नहीं था. पुत्र को पहले बेदखल कर दिया था. परंतु अपनी राजनीतिक स्वार्थसिद्धि के लिये मामले को अलग स्वरूप देकर मुझे घेरने का षड्यंत्र रचा गया.

पुत्र पंकज के साथ कभी समझौता नहीं किया है. उसके साथ मेरी कभी नहीं बनी है. इसकी जानकारी सभी को है. एक वर्ष पूर्व ही उसे बेदखल कर दिया था, जिसके कागजात भी उन्होंने दिखाये. अनेक घाव गहरे होते है. समय के साथ वह भर जाते है, परंतु उनकी लकीरें जीवन भर रहती है. पंकज व पूजा ने अब अच्छे तरीके से अपना सांसारिक जीवनयापन करना चाहिए. वह सुखी रहे यह हमारी सभी की कामना है. 

विवाद को अलग स्वरूप देने की कोशिश

पंकज ने इसके पूर्व किये विवाह के संदर्भ में मुझे तब कल्पना तक नहीं थी. जब पूजा मुझे से मिली व उसने बताया कि उनका विवाह 6 अक्टूबर 2020 को हुआ है. तब उनके शादी के बारे में पता चला. दोनों एक साथ रहे यह मेरी शुरू से ही भूमिका रही है. पहली शादी के बाद उनमें विवाद होते रहे है. यह विवाद सुलझाने का निरंतर प्रयास किया. परंतु इस विवाद में विरोधी कूदे व उन्होंने उसे अलग स्वरूप देने का प्रयास किया. पूजा व पंकज के कंधे पर बंदूक रखकर मुझ पर निशाना साधा गया. विरोधियों ने राजनीति करने की बजाय घर जोड़ने का प्रयास करना चाहिए था. 

राकां नेता चाकणकर पर साधा निशाना

सांसद तड़स ने इस मामले को लेकर राकां महिला प्रदेशाध्यक्ष रूपाली चाकणकर पर भी निशाना साधा. मात्र राजनीति से प्रेरित होकर मुंबई में बैठकर आरोप करने की बजाय चाकणकर ने वर्धा में आकर सुलह करने का प्रयास करना चाहिए था. किंतु ऐसा न करता हुए राजनीति की गई. पूजा व पंकज के विवाह को मेरा कभी विरोध नहीं था. 

भविष्य में पुत्र की गलतियों से नहीं रहेगा मेरा संबंध 

पुत्र पंकज भविष्य में जो भी गलती करेगा, उससे मेरा किसी प्रकार का संबंध नहीं रहेगा. उसकी किसी भी गलती को मेरा सहयोग नहीं रहेगा. पंकज को अब तक आर्थिक सहयोग नहीं किया है. भविष्य में भी आर्थिक सहयोग नहीं करूंगा. 40 वर्ष से राजनीति कर रहा हूं. नगराध्यक्ष से विधायक अब सांसद के रूप जिम्मेदारी संभाल रहा हूं. राजनीतिक जीवन का सबसे दुखद प्रसंग यह रहा है. पंकज के साथ शुरू से ही राजनीतिक मतभेद रहे है.