वर्धा

Published: Mar 27, 2024 02:55 AM IST

Plastic Carry Bagsकागजातों पर सिमट गई प्लास्टीक बंदी, जिले में खुलेआम हो रहा उपयोग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

वर्धा. प्लास्टीक का विघटन जल्द नहीं होने के कारण पर्यावरणके लिए हमेशा ही खतरा बना हुआ है. परिणामश राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री तथा उपयोग पर पाबंदी लगाई है. नियमों का उल्लंघन करनेवालों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है़ किंतु, जिले में शहरी व ग्रामीण विभाग में खुलेआम प्लास्टीक बैग का उपयोग होते दिख रहा है़ कार्रवाई का कोई अतापता नहीं होने से प्लास्टीक बंदी कागजातों पर ही सिमीत रह गई है.

केंद्र सरकार के 12 अगस्त 2021 के अध्यादेश के अनुसार सिंगल युज प्लास्टीक पर 1 जुलाई 2022 से पूर्णत: पाबंदी लगाने के आदेश है. इस बारें में जनजागृति कर नगर परिषद, नगर पंचायत व ग्रापं प्रशासन द्वारा सार्वजनिक जगहों पर बैनर्स लगाने के निर्देश दिए थे. जिन प्लास्टीक वस्तुओं का एक बार उपयोग कर फेकना पडता है, उसे सिंगल युज प्लास्टीक कहते है. उपयोग के बाद प्लास्टीक निरुपयोगी होने से विघटन नहीं होता. प्लास्टीक का रिसायकलींग भी करना संभव नहीं है़ शुरूआत में संबंधित प्रशासन ने शहर में प्लास्टीक बंदी के बैनर भी लगाएं थे़ लेकिन इसके बाद शहर में प्लास्टीक पाबंदी के निर्देशों पर पूर्णत: अनदेखी हुई है़ 50 मायक्रान से कम जाडी की प्लास्टीक का धडल्ले से उपयोग हो रहा है. सब्जी, फल, खाद्यपदार्थों के ठेले तथा दुकानों में भी प्लास्टीक का उपयोग हो रहा है़ जिसमें अन्य प्रतिबंधीत प्लास्टीक वस्तुओं का भी समावेश है.

इन प्लास्टीक की वस्तुओं पर पाबंदी
आईस्क्रीम खाने के लिए उपयोग में लाए जानेवाले प्लास्टीक के चम्मच, प्लेट्स, चाय व पानी पिने के कप, ग्लासेस, काटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे आदि 100 मायक्रान से कम प्लास्टीक अथवा पीवीसी बैनर कचरा व नर्सरी के लिए उपयोग में लाई जानेवाली थैलियां छोडकर, सभी कम्पोस्टेबल प्लास्टिक की थैलियां, डिश बाऊल, कंटेनर, सजावटी प्लास्टीक व पॉलिस्टीरिन थर्माकोल, मिठाई, निमंत्रण पत्रिका, सिगरेट पैकेट के उपर का प्लास्टीक आवरण, प्लास्टीक के झंडों का समावेश है़ पैकेजिंग के लिए 50 माइक्रान से मोटी प्लास्टीक का उपयोग करना अनिवार्य है.