वर्धा

Published: Jan 03, 2022 03:00 AM IST

Electionsतैयारी: नववर्ष पर आघाड़ी व BJP में होगा मुकाबला, जिप, नप व पंस के होंगे चुनाव

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वर्धा. नया वर्ष चुनाव की सरगर्मी भरा रहेगा. नगर परिषद, जिला परिषद, पंचायत समिति के चुनाव का महामुकाबला आघाड़ी विरूद्ध भाजपा होगा. वहीं नगर पंचायत की शेष जगह के लिये मतदान के साथ मतगणना होगी. इस वर्ष जनता फैसला करेगी वह किसके साथ है. परिणामवश यह चुनाव सभी दलों के लिये महत्वपूर्ण होगा. कोरोना के कारण स्थानीय स्वराज संस्था के चुनाव पर व्यापक असर हुआ है. जिले की चार नगर पंचायत के चुनाव करीब 13 माह के उपरांत हुए.

वहीं ओबीसी आरक्षण के कारण अटकी सीट के लिये इस माह मतदान होगा. नगर परिषद की भी समयावधि दिसंबर माह में खत्म हुई. चुनाव समय पर नहीं होने से प्रशासक की नियुक्ति की गई है. जिले में वर्धा, हिंगनघाट, आर्वी, पुलगांव, देवली व सिंदी रेलवे यह नगर परिषद है तो दूसरी और तिन माह बाद जिला परिषद व पंचायत समिति का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. जिससे ये भी चुनाव इसी वर्ष होंगे.

भाजपा के सामने सत्ता बचाने की चुनौती

जिले की सभी 6 नगर परिषद के साथ जिला परिषद व अधिकांश पंचायत समिति पर भाजपा का वर्चस्व है. बीते चुनाव में भाजपा ने बहुमत के साथ सत्ता प्राप्त की थी. केंद्र व राज्य की सत्ता के बाद स्थानीय स्वराज्य संस्था में भाजपा का बोलबाला रहा था. परिणामवश इस वर्ष होनेवाले चुनाव भाजपा के लिये महत्वपूर्ण हैं. भाजपा को जिले में अपनी पैठ कायम रखने के लिये यह चुनाव जितने की हरसंभव कोशिश करनी होगी. वर्तमान में सांसद के साथ तीन विधायक भाजपा के हैं. वही एक विधायक स्थानीय स्वराज संस्था का है. 

आघाड़ी करेगी कमबैक की कोशिश

स्थानीय स्वराज संस्था पर कांग्रेस व राकां का परचम रहता था. परंतु बीते चुनाव में भाजपा ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया था. स्थानीय स्वराज संस्था के इतिहास में भाजपा ने पहली बार बड़ी उड़ान भरी थी. परिणामवश कांग्रेस व राकां को स्थानीय स्वराज संस्था से बेदखल होना पड़ा था. वर्तमान में राज्य में आघाड़ी की सरकार है. ऐसे में आघाड़ी की कोशिश रहेगी कि वह फिर स्थानीय स्वराज संस्था पर अपना परचम लहराये. क्योंकि यहीं से 2024 के लोकसभा व विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ होगा. 

होगा कड़ा मुकाबला

भाजपा व आघाड़ी स्थानीय स्वराज संस्था पर अपना वजूद कायम रखने के लिये यह संभव प्रयास करेंगे. जिससे नए साल में आघाड़ी बनाम भाजपा ऐसा कड़ा मुकाबला होगा. आघाड़ी व भाजपा के नेताओं ने चुनाव की तैयारियां आरंभ कर दी है. किंतु कोरोना के कारण इस वर्ष कब चुनाव होते हैं, इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं. परिणामवश नया वर्ष चुनावी वर्ष होगा.