वर्धा

Published: Jun 24, 2020 09:05 PM IST

आरोप सेवाग्राम विकास प्रारूप : गांधी की कर्मभूमि किया अपमान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वर्धा. महात्मा गांधी तथा आचार्य विनोबा भावे की कर्मभूमि के तौर पर पूरे विश्व में प्रसिद्ध  सेवाग्राम व पवनार परिसर का विकास करने के दृष्टिकोन से भाजपा सरकार द्वारा 144 करोड के सेवाग्राम विकास प्रारुप प्रकल्प को मंजूरी दी गई थी. परंतु अब महाविकास आघाडी ने एक कवडी तक का नया पैसा उपलब्ध नही कराया है. भाजपा के समय का करीब 30 करोड का निधि जमा नही कर महाविकास आघाडी सरकार ने गांधीजी के कर्मभूमि  का अपमान किया है. ऐसा आरोप सांसद रामदास तडस ने लगाया.

महाराष्ट्र के तत्कालीन वित्त व नियोजन मंत्री तथा पालकमंत्री सुधिर मुनगंटीवार ने 1 अक्टूबर 2016 को महात्मा गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर  करीब 144 करोड के सेवाग्राम विकास प्रारुप को मंजूरी दी थी. मंजूरी के साथ परिसर में मूलभूत सुविधा व नियोजित प्रारुप के काम जलद गति से पूर्ण करने के लिये  बार निधि भी वितरित किया. परंतु महाविकास आघाडी सरकार ने इस विकास काम का निधि वापस बुलाकर गांधीजी की कर्मभूमि का अपमान किया है.

जिससे विकास कामों पर परिणाम हो रहा है,ऐसा भी सांसद तडस ने कहा. इसके अलावा सरकार के उच्च व तंत्र शिक्षा विभाग ने 16 सितम्बर 2019 को सेवाग्राम में स्वच्छ भारत विश्वविद्यापीठ स्थापित करने संबंधित तत्कालीन उच्च व शिक्षा मंत्री विनोद तावडे की अध्यक्षता में समिति गठित की थी. लेकिन नए सरकार ने यह विषय भी प्रलंबित रखने की जानकारी  सांसद तडस ने दी.. आगामी समय में भाजपा सरकार के कार्यकाल  में उपलब्ध किया गया निधि वापस नही किया गया तो भारतीय जनता पार्टी महाविकास आघाडी सरकार से आंदोलन के माध्यम से जवाब मांगेगी, ऐसी जानकारी  सांसद तडस ने दी.