वर्धा

Published: Sep 17, 2021 02:37 AM IST

Woman bus driverशुभांगी बनीं जिले की पहली महिला बस चालक

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

आर्वी. पहले घर व चूल्हा संभालनेवाली महिलाएं आज हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा लगाकर काम कर रही हैं. धीरे-धीरे सभी क्षेत्र में महिलाओं ने अपना अस्तित्व निर्माण किया है. परंतु कुछ क्षेत्र ऐसे थे, जहां महिलाएं काम करेंगी, ऐसा कोई नहीं सोच सकता था, लेकिन इस सोच को भी बदलते हुए महिलाओं ने अब बस का स्टेरिंग भी अपने हाथ में लिया है.

राज्य के 160 महिला चालकों में शुभांगी गाडगे यह वर्धा जिले की पहली महिला एसटी बस ‘लालपरी’ की चालक बनी है. मन में जिद होना काफी जरूरी है. परिस्थिति कैसी भी रहे, लेकिन जो व्यक्ति हालातों का सामना कर सफलता अर्जित करता है, उसे कोई हरा नहीं सकता. ऐसी ही कहानी है, गरीब किसान परिवार में जन्मी शुभांगी अरुण गाडगे (31) की. 

भादोड़ गांव आया सुर्खियों में

आर्वी जिले के भादोड़ निवासी शुभांगी अरुण गाडगे जिले की पहली महिला बस चालक बनी है. इससे यह गांव सुर्खियों में आ गया. चालक के तौर पर प्रशिक्षण लेते हुए ही शुभांगी का विवाह बोरगांव हालता निवासी सिद्धार्थ भगत के साथ हुआ. सिद्धार्थ की खेती बांध में जाने से वह भूमिहीन हुआ. भूमिहीन होने से उदरनिर्वाह करने सिद्धार्थ व शुभांगी ने गृहरक्षक दल में काम शुरू किया. परंतु शुभांगी इतने पर नहीं रुकी. गृहरक्षक दल में काम करते समय शुभांगी ने सर्वप्रथम उच्च माध्यमिक व स्नातकोत्तर शिक्षा पूर्ण की. 

शिक्षण काल में चलाए कई वाहन

शिक्षा लेते समय फोरवीलर वाहन का शौक पूर्ण किया. अपने इस शौक को पूर्ण करने के लिए शुभांगी ने मामा से ट्रैक्टर चलाना सिखा. चालक व वाहक का प्रशिक्षण लिया. प्रशिक्षण लेने के बाद चालक व वाहक का लाइसेंस लिया व विविध विभाग की स्पर्धा परीक्षा दी. जिसमें पुलिस भर्ती, सीआरपीएफ, रेलवे पुलिस भर्ती, एस एससी, फारेस्ट विभाग, पोस्ट आफिस, कोर्ट आदि विभाग में प्रयास किए. परंतु इन सभी परीक्षा में शुभांगी को असफलता मिली. 

असफलताओं से नहीं मानी हार

इतना सबकुछ होने के बाद भी शुभांगी ने हार नहीं मानी. जिसके बाद कोरोना काल में संचारबंदी लगने से पूर्व महाराष्ट्र शासन व परिवहन मंडल ने पहली बार लालपरी एसटी पर महिला चालक के तौर पर भर्ती निकाली. जिसके लिए अनेक महिलाओं ने आवेदन भरे. उनमें से महाराष्ट्र के विविध जिलों से 160 महिलाओं का चालक पद के लिए चयन किया गया. जिसमें शुभांगी वर्धा जिले से पहली लालपरी चालक रही. शुभांगी की इस सफलता के लिए उसे सभी ओर से बधाई दी जा रही है.