वर्धा

Published: Apr 05, 2022 01:00 AM IST

Strikeसरकारी कार्यालयों में छाया रहा सन्नाटा, राजस्व विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर, कलेक्ट्रेट के समक्ष दिया धरना

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वर्धा. विभिन्न मांगों को लेकर सकारात्मक विचार न किये जाने से राजस्व कर्मचारी संगठन ने 4 अप्रैल से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है़  दिनभर सरकारी दफ्तरों में कर्मचारी उपस्थित न रहने से सन्नाटा छाया रहा़  सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष कर्मियों ने धरना दिया.

बता दें कि राजस्व कर्मचारी संगठन ने इसके पहले भी 21 मार्च को भोजन अवकाश के दौरान धरना प्रदर्शन किया था़ पश्चात 23 मार्च को काला फीता लगाकर काम किया था. देशव्यापी हड़ताल के दौरान 28 मार्च को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की थी़ संगठन के जिलाध्यक्ष संजय मानेकर, कार्याध्यक्ष किशोर शेंडे, कोषाध्यक्ष अतुल रासपायले, महासचिव अजय धर्माधिकारी की अगुवाई में सरकार व प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया था़ इसमें शासन निर्णय 10 मई 2021 के तहत नायब तहसीलदार यह संवर्ग राज्य स्तर संवर्ग घोषित किया है़ इसके अनुसार अव्वल कारकून व मंडल अधिकारी को सेवा वरिष्ठता सूची राज्य स्तर पर एकत्रित करने संबंध में पत्र जारी किया गया.

एसडीओ, तहसीलदार के जरिए CM को ज्ञापन 

अव्वल कारकून व मंडल अधिकारी संवर्ग यह जिला स्तरीय संवर्ग होने से उपरोक्त प्रक्रिया अन्यायकारक हैं, जो शीघ्र रद्द करने, उनकी पदोन्नति की वर्तमान प्रक्रिया कायम रखने, उन्हें नायब तहसीलदार पद पर पदोन्नति देने सहित अन्य 7 मांगों का उल्लेख किया गया़  मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो 4 अप्रैल से बेमियादी हड़ताल करने की चेतावनी दी थी़  परिणामवश सोमवार को राजस्व विभाग के कर्मियों ने शासकीय कामकाज पर बहिष्कार डालते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष ठिया आंदोलन किया़  आंदोलन में बड़ी संख्या में राजस्व कर्मियों ने हिस्सा लिया़  मांगों का ज्ञापन एसडीओ, तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम भेजा गया. 

विभाग के कार्यालय से निराश होकर लौटे नागरिक

हड़ताल के कारण दिनभर सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा छाया रहा़  जिलाधिकारी, उपविभागीय कार्यालय, तहसील कार्यालय में खाली कुर्सियां दिखाई दे रही थी़  परिणामवश यहां आने वाले नागरिकों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा.

दिनभर बिजली उपकरण शुरू रहने से अपव्यय

राजस्व कर्मचारी कामकाज पर बहिष्कार डालकर आंदोलन में बड़ी संख्या में शामिल हुए़  परिणामवश तहसील कार्यालय के विभिन्न कक्षों में दिनभर बिजली के उपकरण शुरू दिखाई दिए़  सिलिंग फैन खाली कुर्सियों को हवा देते नजर आए, तो ट्यूबलाइट बेवजह जल रहे थे़  बिजली आपूर्ति के हो रहे अपव्यय की ओर किसी भी अधिकारी व कर्मी ने ध्यान नहीं दिया. इससे दफ्तर में आने वाले नागरिकों में तरह- तरह की चर्चाएं चल रही थी.