वर्धा

Published: Sep 10, 2020 07:01 PM IST

वर्धाकिशोरी अपहरण मामले को दिया नया मोड, दहेगांव पुलिस का कारनामा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वर्धा. डेढ माह पहले दहेगांव पुलिस थाना क्षेत्र से नाबालिग किशोरी के अगुआ होने का प्रकरण सामने आया था़ इसमें पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी थी़ अमरवाती के वरुड से आरोपी युवक व किशोरी को हिरासत में भी लिया गया़ परंतु इसके बाद मामले ने नया मोड लेने से प्रकरण ही रफादफा हो गया़ परिणामवश दहेगांव पुलिस की कार्यप्रणाली पर पुन: प्रश्नचिन्ह लग गया है़ 

बता दे कि, दहेगांव पुलिस थाना हमेशा ही अपने कारनामों को लेकर चर्चाओ में रहा है़ अनेक शिकायतें वरिष्ठस्तर पर की गई, परंतु किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो पायी़ हालहि में थाना अंतर्गत आनेवाले कोपरा (चानकी) से 14 वर्षिय किशोरी का 26 जुलाई को अपहरण हुआ था़ किशोरी को लेकर अमरावती जिले के वरुड गांव में ले जाने की जानकारी सामने आयी़ जहां दो दिनों तक किशोरी को वरुड में ही रखा गया़.

जांच के दौरान अपहरणकर्ता व किशोरी वरुड में होने की बात सामने आयी़ इसके आधार पर पुलिस ने मध्यस्था की मदद से दोनो को तलेगांव में लाया गया़ जहां से युवक व किशोरी को हिरासत में लिया गया़ किशोरी को अगुआ करने संबंध में पहले ही शिकायत पीडिता के भाई ने दहेगांव थाने में दर्ज करायी थी़ इसमें फरियादी ने आरोपी युवक का नाम भी बताया था़ बावजुद इसके थाने में अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया़.

उल्लेखनिय यह कि, दहेगांव पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में भी लिया़ परंतु इसका जिक्र पुलिस ने अपने दस्तावेज में क्यों नहीं किया? इसी में संपुर्ण मामले की गुत्थी अटकी हुई है़ इस गंभीर प्रकरण को लेकर दहेगांव परिसर में चर्चा हो रही है़ यह मामला आर्वी शहर, अमरावती जिले के वरुड तथा दहेगांव तीन ठिकाणों से जुडा हुआ है़ .

मामले की वरिष्ठस्तर पर गंभीरता से जांच होने पर अनेक चौकानेवाली बाते प्रकाश में आने की संभावना है़ इसमें किस प्रकार पुलिस रिकॉर्ड में छेडछाड की गई, हिरासत में लिये गए आरोपी का थाना दस्तावेजों में पंजियन क्यों नहीं किया गया? ऐसे अनेक प्रश्नो से पडता हट सकता है़ 

न्यायालय की अवहेलना
उल्लेखनिय यह कि, मामले की जांचपडताल दौरान दहेगांव पुलिस द्वारा न्यायालय के निर्देशों को भी कचरे की टोकरी दिखाने की जानकारी है़  सेलु न्यायालय ने पुलिस को सख्त निर्देश दिए थे, परंतु अब तक इन निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया? यह सवाल उपस्थित हो रहा है़