वर्धा

Published: May 25, 2020 10:43 PM IST

वर्धाचोर बीटी बिक्री पर वॉच जरूरी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वर्धा. देश में कपास के चोर (तृणनाशक) बीटी बीज की बिक्री पर पाबंदी होने के बावजूद चोरी छिपे बीजों की बिक्री की जा रही है. पिछले वर्ष कपास की सरकी पर प्रक्रिया कर बीज तैयार करने का प्रयास उजागर हुआ था. मूलत: हाईब्रिड में बीजों को सूखाकर बीज बेचे जा रहे थे. खरीफ का मौसम नजदीक है. किसान वर्ग बीज, खाद खरीदी में त्रस्त है.

विदर्भ में एचटीबीटी अर्थात चोर बीटी बीजों की आपूर्ति गुजरात तथा तेलंगाना से होती है. इस बार लॉकडाउन होने के कारण आपूर्ति में बाधा आ रही हैं. इसके बावजूद व्यवसायी नई-नई योजना बनाकर बीज तैयार कर रहे हैं. तननाशक होने से देश में कपास के एचटीबीटी बीजों की बिक्री पर पाबंदी है. फसलों में बढ़ी घास निकालने के लिए कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है, लेकिन इन फसलों पर औषधि का कोई असर नहीं पड़ता. परंतु देश तथा विश्व के अनेक देशों में इन बीजों पर पाबंदी लगाई गई है. इसके बावजूद अवैध रूप से इन बीजों की बिक्री होती है, जिसकी वजह से इन बीजों को चोर बीटी बीज कहा जाता है.

पाबंदी वाले बीजों से सरकी निकालना बेकार
कृषितज्ञ व पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के पूर्व कुलगुरु डा़ शरद निबांलकर ने कहा कि एचटीबीटी यह मूलत: एक हाईब्रिड बीज है. फसल निकलने के बाद उससे सरकी निकलती है. परंतु वह सरकी बुआई के लिए उचित नहीं है. इस वजह से पाबंदी किए गए बीजों की सरकी निकालकर उसमें प्रक्रिया कर बेचने का प्रकार होना यानि किसानों के साथ विश्वासघात करने जैसा है.