वाशिम

Published: Dec 20, 2020 09:25 PM IST

वाशिमबदलता वातावरण रबी फसलों के लिए हानिकारक - मूंग, उड़द, सोयाबीन, कपास फसल के बाद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मानोरा. इस वर्ष होई वापसी की बारिश से तहसील के किसानों की खरीप फसल बर्बादहो गयी. जिसके कारण किसानों पर आर्थिक संकट टूटपड़ा. ऐसे में किसानों को रबी फसल से उम्मीद थी, लेकिन लगातार बदलते वातावरण के कारण किसानों की रबी की फसल पर भी संकट मंडरा रहा है. जिसकी चिंता से किसानों की रातों की नींद उड़ गई है. कोहरे जैसा वातावरण निर्माण होने से तुअर  फसल की पत्तियां व दाने काले पड़ने के कारण किसानों के चेहरे पर निराशा दिखाई दे रही है.

वर्तमान वातावरण के कारण इस वर्ष तुअर का उत्पादन कम होने की संभावना जताई जा रही है. इसी तरह तरह का हाल चने की फसल का दिख रहा है. गहूं और चने पर मर रोग के कारण यह भी फसल किसानों के हाथ से जाती नजर आ रही है. प्रति वष के हिसाब से इस वष तुअर बुआई का क्षेत्र ज्यादा होने की बात कही जा रहीं है. जिसमें से 30 प्रतिशत तुअर जल्दी आयेंगे और 70 प्रतिशत देरी से निकलेगे. विशेष या की जल्दी आने वाली तुअर पूरी तरह से तैयार हो चुकी है. कही जगह तुअर फसल की फल्लियां भरने की अवस्था में है, ऐसी स्थिति में लगातार बदलते वातावरण व कोहरे के कारण तुअर फसल काफी प्रभावित हो रही है.

इस दौरान पड़ रहे कोहरे के कारण तुअर फसल की फल्लियां काली पड़ रही हैं. इस लगातार बदल ते वातावरण के कारण किसानों की नींद उड़ी हुई है. तहसील में बीते दिनो से ठंड का वातावरण बना हुआ है. बदलते वातावरण के कारण हर रोज कोहरे जैसा वातावरण निर्मान होने से किसानों की रबी फसल के गेहूं, तुअर, चने की फसल पर संकट निर्माण हो रहा है.