वाशिम

Published: Dec 03, 2018 03:52 PM IST

वाशिमरबी मौसम में यूरिया खाद की किल्लत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मंगरुलपीर. इस मौसम में समाधानकारक वर्षा होने से खेत कुओं खेत तालाबों बांध प्रकल्पों में जल का स्त्रोत बढ़ता देख किसानों ने खेतों में रबी की फसल चना, गेहूं की बुआई को प्राथमिकता देते हुए बुआई कार्य किया. तहसील के अनेक ग्रामीण इलाकों में रबी बुआई का स्तर बढ़ने की जानकारी सामने आई है. लेकिन किसानों के समक्ष वर्तमान समय में यूरिया खाद की किल्लत होने की जानकारी मिलते ही किसानों को भागमभाग करने की स्थिति निर्माण हो गई है. जिस की गवाही तहसील के आसेगांव क्षेत्र में रबी की बुआई करनेवाले किसान देने लगे है.

दूसरे क्षेत्र से यूरिया लाने को मजबूर
इस इलाके में यूरिया खाद की किल्लत निर्माण होने से इस क्षेत्र के किसान दूसरे क्षेत्र से यूरिया खाद लाने को मजबूर है. उल्लेखनीय है कि रबी की गेहूं, चना फसल की ऊंचाई व हरी भरी फसले रखने के लिए 20 दिनों के अंतराल में खेतों में यूरिया फेंकने की आवश्यकता रहती है. लेकिन आसेगांव क्षेत्र में व तहसील के अनेक क्षेत्रों में यूरिया की भारी किल्लत रहने की बात सामने आने लगी है.

किसानों में रोष
जिस वजह से किसान अपना खेती कामकाज छोड़कर खाद लाने के लिए भागमभाग करते नजर आ रहे हैं. कुदरत की मार से बचने वाले किसानों को सरकार की गलत नीति की मार झेलने की नौबत आयी है. जिस वजह से किसानों में रोष व्याप्त हो गया है. किसानों की इस प्रमुख समस्या की ओर ध्यान देकर इस का प्रबंध किया जाना जरूरी है.