वाशिम

Published: Feb 22, 2021 11:17 PM IST

वाशिमजिले की 402 जिप शालाओं में मुख्याध्यापक के लिए स्वतंत्र कक्ष नही

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वाशिम. जिले में जिला परिषद के 770 शालाएं होकर इन में से 400 से अधिक शालाओं में विद्यार्थियों के कक्ष और शालाओं के व्यवस्थापन एक ही रुम में होने से कुछ असुविधा का सामना करना पड़ता है़  निजी शालाओं की तुलना में सरकारी शालाओं में भौतिक सुविधा कम उपलब्ध रहती है़  ऐसा हमेशा ही कहा जाता है लेकिन पूर्व की तुलना में अब जिप के शालाओं में अच्छी सुविधाएं उपलब्ध की जा रही है़.

दूसरी ओर जि.प. के अनेक शालाओं में मुख्याध्यापक व शिक्षकों के लिए स्वतंत्र कक्ष की व्यवस्था नही़  निजी शालाओं में मुख्याध्यापक व शिक्षकों के लिए मात्र स्वतंत्र व्यवस्था रहती है़ शालाओं में कक्षा में बच्चों को पढ़ाने के बाद शिक्षकों को कुछ समय तक विश्रांती की आवश्यकता रहती है़  शालाओं की महत्वपूर्ण दस्तावेज रखने के लिए व शाला व्यवस्थापन देखते के लिए मुख्याध्यापक को अलग स्वतंत्र रुम की आवश्यकता रहती है, लेकिन जिप के करीब 402 शालाओं में मुख्याध्यापक के लिए स्वतंत्र कक्ष ही नही है़.

जिले के कुल 770 शालाओं में कुल 81,508 विद्यार्थी होकर 540 शालाओं में स्टाप रुम नही है़  मुख्याध्यापक कक्ष नही रहनेवाली शालाओ की संख्या 402 है़  कुछ शालाओं में मुख्याध्यापक का प्रभार सहायक शिक्षक पर रहने से अध्यापन के साथ ही कार्यालय का कामकाज संभालना पड़ता है़  कई बार एक ही शिक्षक की ओर दो से अधिक कक्षाएं भी रहती है़.

शालाओं में स्टाप रुम नही रहने से शिक्षकों को शालेय विषयों पर एकत्रित आकर चर्चा करना संभव नही होता़  स्टाप की बैठक लेना हो तो शाला के मैदान में उनको एकत्र आना पड़ता है़  अथवा कक्षा छुटने की प्रतीक्षा करनी पड़ती है़  कक्षा में विद्यार्थियों के सामने कामकाज करना भी कठीन होता है़  

शिक्षणाधिकारी अंबादास मानकर के अनुसार जिले में जिप के 770 शालाएं होकर इन में से 368 शालाओं में मुख्याध्यापक, शिक्षकों के लिए स्टाप रुम की व्यवस्था है़  बाकी शालाओं में स्वतंत्र व्यवस्था नही है लेकिन उनको कोई विशेष समस्या नही आती है.