यवतमाल

Published: Sep 24, 2021 11:49 PM IST

Electedयवतमाल नगरपालिका चुनावों में हर प्रभाग में चुने जाएंगे 2 सदस्य

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल.राज्य निर्वाचन आयोग के पहले के फैसले को बाजु में रखते हुए राज्य मंत्रीमंडल की बैठक में महानगरपालिका और नगरपालिका क्षेत्रों में प्रभागवार और बहुसदस्यीय प्रणाली से चुनाव लेने का निर्णय लिया गया है.22 सितंबर को हुई मंत्रीसमुह की बैठक में पुरे राज्य में महानगरपालिका और नगरपालिकाओं के लिए यह निर्णय लागु होंगा.

जिससे अब यवतमाल नगरपालिका में आगामी दिसंबर माह में होनेवाले पालिका चुनावों में प्रभागनिहाय चुनाव होने के साथ ही हर प्रभाग में 2 सदस्य चुने जाएंगे, इस पंचवार्षिकी के लिए इसी प्रणाली से पालिका के चुनाव हुए थे, जिसमें 28 प्रभागों में 58 नगरसेवक चुने गए थे. राज्य चुनाव आयोग ने इससे पुर्व पालिका में एकल सदस्यीय वार्ड प्रणाली से चुनाव लेने और इसके लिए पालिका के वार्ड पुर्नरचना के निर्देश दिए थे.

जिससे सभी यह उम्मीद जता रहे थे की इस बार एकल वार्ड प्रणाली से चुनाव होकर एक वार्ड में एक पालिका सदस्य होंगा. लेकिन राज्य सरकार ने अचानक निर्णय लेकर इसमें बदलाव कर प्रभागवार चुनाव लेने का एैलान कीया है.  हालांकी प्रशासनिक स्तर पर इस बारे में आज 23 सितंबर तक कीसी तरह की जानकारी जारी नही की गयी थी. लेकिन मंत्रीमंडल के निर्णय के बाद इस बार यवतमाल नगरपालिका में एक प्रभाग में 2 सदस्य और सीधे जनता के जरीए नगराध्यक्ष का चुनाव होंगा, यह बात तय हो चुकी है.

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बता दें की फिलहाल यवतमाल नगरपालिका में शिवसेना की नगराध्यक्षा है, और भाजपा के पास बहुमत,जिससे यहां पर उसकी सत्ता है.जबकी कॉंग्रेस,राकांपा, और निर्दलीय मिलाकर विपक्ष है.इस परिस्थिती में सत्ताधारी तथा विपक्ष और नगराध्यक्ष गुट के बीच तारतम्य नही है.शहर के विकासकामों और पालिका के प्रशासनिक कामों को लेकर पुरे कार्यकाल में कोई सत्ता और विपक्ष में कोई समन्वय नही दिखाई दिया.

इस कार्यकाल के दौरान हमेशा ही सत्ता और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप चलें,शहर में सफाई, घनकचरा व्यवस्थापन, प्रभागों के लिए विकास की निधि से लेकर बिते दौर में पालिका क्षेत्र में शामिल हुए ग्रामीण ईलाकों के विकास को लेकर आपसी खिंचतान जारी रही.तो दुसरी ओर कॉंग्रेस, राकांपा समेत नगराध्यक्ष समेत शिवसेना पार्टी के पार्षद भी विकासकामों को लेकर बहुमतधारी सभापतियों के कामकाज से नाराज रहें.

तो दुसरी ओर शहर की जनता को भी अमृत योजना के लिए रास्तों की खुदाई,अनियिमीत तौर पर प्रभागों की साफसफाई,पेयजलापुर्ती,सार्वजिनक प्रकाश व्यवस्था,कचरा संकलन के ठेके के लिए पालिका प्रशासन, सदस्य और जिलाधिकारी कार्यालय स्तर पर हुई खिंचतान को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पडा.जिससे शहर में सफाई, विकासकार्य और सार्वजनिक सुविधाओं की समस्याएं पुरे पंचवार्षिकी में मुंह बाएं खडी रही.

इसी बीच संभावित तौर पर आगामी दिसंबर से जनवरी के दौरान होनेवाले पालिका चुनावों को लेकर कॉंग्रेस, राकांपा, भाजपा और शिवसेना समेत अन्य राजनितीक दलों द्वारा प्रभागनिहाय चुनावों को ध्यान में लेकर सरगर्मीयों तेज हो चुकी है.लेकिन पालिका में नगराध्यक्ष और सत्ताधारी भाजपा को इन मुददों पर घेरने के लिए कॉंग्रेस और राकांपा कीस तरह की रणनिती अपनाती है और शहरवासी उपरोक्त मुददों पर परेशान होने के बाद अब किसे सत्ता में लाते है, इसकी तस्वीर अगले कुछ दिनों में भले ही सामने आएंगी, लेकिन राजनितीक दलों के कार्यकर्ता, पदाधिकारी राजनितीक आकलन और मुददों को लेकर चुनाव में उतरने कमर कसते दिख रहे है.