यवतमाल

Published: Jun 03, 2020 11:43 PM IST

लॉकडाउन तंबाकू और तंबाकू उत्पादों की दुकाने, पानठेले पर प्रतिबंध

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. जिले में 30 जून 2020 की मध्यरात्रि तक जिले में लॉकडाउन जारी किया गया है. तथा 1 जून के आदेशों के तहत यवतमाल जिले में तंबाकू व तंबाकू उत्पादों की दुकाने, पानठेले प्रतिबंधित लगा दिया गया है. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू, सुपारी, पानी, पानमसाला, गुटखा तथ अन्य तंबाकूजन्य पदार्थों के सेवन, थूंकने व धुम्रपान (ई-सिगरेट सहित) सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ दंडात्मक और आपराधिक कार्रवाई की जाएगी, ऐसा जिलाधिकारी के आदेश में उल्लिखित है. सरकारी, अर्धसरकारी, निजी, विभन्नि मंडल, परिमंडल, महामंडल, औद्योगिक, व्यावसायिक, वाणज्यि, शैक्षणिक, वैद्यकिय, निवासी क्षेत्र व संकुले, रेल स्टेशन, बस स्टैंड, सडक, मार्केट आदि संस्था, आस्थापना व सार्वजनिक क्षेत्र के स्थानों, परिसर तथा अन्य स्थानों पर तंबाकू, सुपारी, पानी, पानमसाला, गुटखा तथा अन्य तंबाकूजन्य पदार्थों के सेवन, थूंकने व धुम्रपान (ई-सिगारेट) समेत प्रतिबंधित किया गया है.

इस आदेश का उल्लंघन करनेवाले व्यक्ति के खिलाफ प्रथम पाए जाने पर 1 हजार रुपए जुर्माना व एक दिन सार्वजनिक सेवा, दूसरी बार पाए जाने पर 3 हजार रुपए जुर्माना व तीन दिन सार्वजनिक सेवा, तिसरी व उसके पश्चात पाए जाने पर 5 हजार रुपए जुर्माना व 5 दिन सार्वजनिक सेवा कार्रवाई की जाएगी. सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद(वज्ञिापन प्रतिबंध, व्यापार विनियमन और वाणज्यिकि उत्पादों का वितरण और वितरण) अधिनियम-2003 के तहत धारा 4 के तहत 200 रऊपए जुर्माना, प्रथम अपराध 1 हजार रुपए जुर्माना या 2 वर्ष की सजा या दोनों. दूसरे अपराध में 5 हजार रुपए तक जुर्माना या 5 वर्ष सजा या दोनों.

उत्पादकों के लिए प्रथम अपराध 5 हजार रुपए तक जुर्माना या 2 साल की सजा या दोनों, दूसरे अपराध 10 हजार रुपए जुर्माना या 5 साल की सजा, वक्रिेता के लिए प्रथम अपराध 1 हजार तक जुर्माना या 1 साल की सजा, दूसरा अपराध 3 हजार तक जुर्माना या 2 साल की सजा है. उपरोक्त आदेशों के उल्लंघन के मामले में संबंधितों पर मुंबई पुलिस अधिनियम 1951 भादंसं 1860 की धारा 268, 270, 272 व 278, सिगारेट व तंबाकूजन्य उत्पादन कानूनङ्क्त 2003, आपदा व्यवस्थापन अधिनियम 2005, भारतीय साथ रोग नियंत्रण अधिनियम 1897 व अन्य संबंधित कानून व नियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी, ऐसा जिलाधिकारी तथा जिलादंडाधिकारी के आदेश से सूचित किया है.