यवतमाल

Published: Nov 30, 2021 10:48 PM IST

Memorandumमनमानी कामकाज करनेवाले बीडीओ को निलंबित करने की मांग, जिप.अध्यक्षा, सीईओ को सरपंचों ने सौंपा ज्ञापन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. घाटंजी पंचायत समिती के बीडीओ द्वारा ग्रामपंचायतों के कामकाज और विकास के कामों में रुकावटे निर्माण कर मनमानी कामकाज किया जा रहा है, इससे घाटंजी तहसील के विभीन्न ग्रामपंचायतों के सरपंचों और पदाधिकारीयों में रोष व्याप्त है.

जिससे आज 30 नवंबर को सरपंच संगठना घाटंजी द्वारा बीडीओ के खिलाफ निलंबन की कारवाई कर मनमानी कामकाज पर रोक लगाए, एैसी मांग जिलापरिषद अध्यक्षा कालिंदा पवार तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.श्रीकृष्ण पांचाल से करते हुए उन्हे ज्ञापन सौंपा गया.प्राप्त जानकारी के मुताबिक ग्रापं.के विकास कृती प्रारुप और विकासकामों के लिए ग्रामसभा, मासिक सभा में प्रस्ताव लिए जाते है, लेकिन घाटंजी बीडीओ के निर्देशों पर ग्रामसेवक यह प्रारुप खुद तैयार कर रहे है.

इसमें 15 वें वित्त आयोग का निधि गांव विकास और जनउपोगी कामों पर खर्च न करते हुए हायमास्ट, कचराकुंडीयां, जलशुध्दीकरण जैसे संयत्र खरीदी पर खर्च किया जा रहा है. ग्रामसेवकों के जरीए गुटविकास अधिकारी मनमानी तौर पर गांव के काम निबटा रहे है, एैसे मामलों में जांच पडताल करने पर उनके मनमानी कामकाज सामने आ सकते है.जिससे बीडीओ को पहले निलंबन करें और जांच कर कारवाई करें, एैसी मांग घाटंजी ग्रामपंचायत के सरपंचों ने जिप.अधिकारी और पदाधिकारीयों से की है.

जिप.प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में बताया गया है की, गांवों की जनता ने भरोसा जताकर हमें पदाधिकारी बनाया, ताकी गांवों का विकास हो सके, लेकिन ग्रामपंचायत स्तर के 15 वें वित्त आयोग के निधि के काम होने के बावजुद उसके बिल तात्काल अदा नही किए जा रहे है, लेकिन जहां पर प्रशासक है, एैसे ग्रामपंचायतों में बीडीओ अपनी मनमानी चलाकर निकट के ग्रामसेवकों के बिल तात्काल अदा कर रहे है.

इन सभी मामलों की जांच करने पर सच्चाई सामने आ सकती है. ज्ञापन में बताया गया है की घाटंजी तहसील की 26 ग्रामपंचायत पेसा कानुन के तहत आती है, इन ग्रामपंचायतों में वित्त आयोग से विकास पर जो निधी खर्च किया गया, उसमें पेसा कानुन के मानकों को दरकिनार कर गुटविकास अधिकारी के निर्देशों के मुताबिक संबंधित ग्रामसेवक यह राशी खर्च कर रहे है. यह काम करते समय ग्रामसभा की मंजुरी अनिवार्य है, लेकिन कोविड 19 के कारण किसी भी ग्रामपंचायत में ग्रामसभा नही हुई.

एैसे में सरपंचों को मासिक सभा में विश्वास में लेकर कामों को मंजुर कर उन्हे पुरा करना जरुरी था, लेकिन इन बातों पर पुरी तरह नजरअंदाजी की गयी, इससे बीडीओ और ग्रामसेवकों की मिलीभगत से जारी भ्रष्टाचार का अनुमान लगाया जा सकता है, गांव के विकास के लिए प्रतिनिधी चुनकर दिए होने के बावजद गुटविकास अधिकारी मनमानी आदेश देकर विकास काम निबटा रहे है.

जिससे उनके खिलाफ निलंबन की कारवाई करें, एैसी मांग घाटंजी तहसील के सरपंचों नें सीईओ और अध्यक्ष से की है, इस मामलें में कारवाई न करने पर बीडीओ और प्रशासन के खिलाफ तीव्र आंदोलन की चेतावणी ज्ञापन के जरीए दी गयी है.