यवतमाल

Published: Dec 01, 2020 10:03 PM IST

यवतमालदिग्रस का औद्योगिक क्षेत्र विकास से वंचित, बुनियादी सुविधा नही होने से एमआईडीसी परिसर विरान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

दिग्रस. देश के आर्थिक विकास में औद्योगिक क्षेत्र का काफी योगदान है. इसके लिए उद्योग को बढावा और रोजगार निर्मिति को ध्यान में लेकर तहसील स्तर पर औद्योगिक क्षेत्रे आरक्षीत रखा गया है. इस योजना के तहत महाराष्ट्र राज्य औद्योगिक विकास महामंडल परिसर आरक्षित रखा गया. लेकिन बुनियादी सुविधा नही होने से इस क्षेत्र में आजतक एक भी उद्योगाची निर्माण नही हो पाया. इस ओर जनप्रतिनिधि की अनदेखी हो रही है.

तहसील में उद्योग निर्माण कर परिसर में उपलब्ध विविध संसाधन समेत कृषि उत्पादन पर आधारित उद्योग शुरू हो और इस माध्मय से स्थानिय बेरोजगारों को रोजगार मिले इसलिए दिग्रस आर्णी मार्ग पर महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल की ओर से आरक्षीत जमीन रखी गई है. लेकिन उद्योग के लिए इस परिसर में जरूरी बुनियादी सुविधा सरकार ने उपलब्ध करानी चाहिए, जो आजतक उपलब्ध नही कराई गई. जिससे कोई भी उद्योग यहा शुरू नही हुए. अनेक इच्छुकों ने इस परिसर में जगह लेकर उद्योग निर्माण का प्रयास किया. लेकिन संबंधित विभाग की ओर से उचित मदत नही मिलने से वे मायुस हुए.

एमआयडीसी परिसर में जगह लेने के बाद निर्धारित समय में उद्योग शुरू करना जरूरी है. नही तो सरकार जमीन वापिस लेती है, जीन वस्तु का उत्पादन अथवा प्रक्रिया उद्योग शुरू करना है उसके लिए कई शर्ते और अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया काफी कठीन होने से यहा उद्योग निर्माण का काम आसान नही है. वैयक्तिक स्तर पर इस क्षेत्र में उद्योग निर्माण के लिए कोई आगे  नही आता. यही वजह है कि  कृषी उपज पर शुरू हुए कई उद्योग नीजी में शुरू है. वैयक्तिक स्तर पर उद्योग निर्माण करने के लिए काफी निवेश करना होता है. जिसके लिए सरकार द्वारा कोई अभय नही मिलता. औद्योगिक परिसर में जो उद्योग शुरू किया गया तो सरकारी नियमनुसार उद्योजक को संरक्षण प्राप्त होता है. औद्योगिक क्षेत्र निर्मिती से ही यहा बुनियादी सुविधा देना जरूरी है. लेकिन यहा की एमआयडीसी परिसर में कोई सुविधा उपलब्ध नही कराई गई. ऐसी स्थिती से स्थानीय एमआयडीसी विरान है, जिसका कोई उपयोग नही हो रहा है. 

रोजगार उपलब्ध होगा

तहसील में कृषि उपज पर आधारित उद्योग,  वन संपत्ती पर आधारित उद्योग तेलबीज पर आधारित उद्योग, खनिज पर आधारित उद्योग निर्माण हो सकते है.  कोल्ड स्टोरेज,  फल  प्रक्रिया पर आधारित उद्योग, कच्चा माल प्रक्रिया उद्योग भी निर्माण हो सकते है. साथही कई बेरोजगारों को स्थानिय स्तर पर रोजगार उपलब्ध होगा. 

स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराए लाइसेंस

कुछ दिनों पहले  एक खिडकी योजना के माध्यम से उद्योग को लगनेवाले सभी लाइसेंस और दस्तावेज स्थानिय स्तर पर उपलब्ध कराए ऐसी मांग की गई थी. लेकिन प्रशासनिक स्तर से इस ओर ध्यान नही दिया गया. अब सरकार स्थानिय उद्योग विकास को प्रोत्साहित कर रही है. ऐसे में स्थानीय एमइडीसी का विकास हो ऐसी उम्मीद व्यक्त हो रही है.