यवतमाल

Published: Jul 10, 2020 12:56 AM IST

यवतमालनप की कार्यप्रणाली पर जताई नाराजगी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. नगर परिषद की नियोजनशून्य कार्यप्रणाली के चलते समूचे शहरवासी त्रस्त हैं. प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी बारिश में विविध रास्तों पर मुरूम डालने के ठेके का नियोजन किया जा रहा है. प्रतिवर्ष नगर परिषद में बारिश आने के बाद मुरूम डालने के बिल निकाले जाते हैं. इस बार भी यवतमालवासियों को कीचड़ से गुजरना होगा. शहरवासियों ने नप की कार्यप्रणाली के प्रति अपनी नाराजी जताई है.

डालते कम गिट्टी
नगर परिषद के 28 प्रभागों में प्रति वर्ष कम गिट्टी डाली जाती है. उसके बगैर सड़क से चलना भी मुश्किल हो जाता है. यह प्रति वर्ष का काम हैं, पर इसका नियोजन कभी भी समय पर नहीं किया जाता. ठेकेदार को गिट्टी डालने का ठेका देने के बाद तय किए गए क्षेत्र में 20 प्रतिशत भी गिट्टी डाली नहीं जाती. अप्रत्यक्ष रूप से इस तरह की नीति ही बनाई जाती है. बारिश से जब कीचड़ होता है तब नप को गिट्टी डालने के कार्यादेश देने की याद आती है.

नहीं हुई टेंडर प्रक्रिया
अब भी टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है. उसमें कम दरों के टेंडर भरने वाले ठेकेदार को कार्यादेश देना बाकी है. पर इसके लिए भी प्रशासन इतना समय क्यों लगता यह एक अनुसंधान का विषय का चुका है. 

पहले नंबर पर थी
यवतमाल नगर परिषद कुछ वर्ष पहले तक राज्य में सभी कार्य में पहले नंबर पर थी, पर अब यह नगर परिषद सभी कामों में पिछड़ गई है. साफ-सफाई का अभाव, प्रभागों में गंदगी का आलम, पानी की कमी, नालियों की सफाई नहीं होना, पथदीप एवं अन्य मामलों में भी यहां की कार्यप्रणाली लचर हो गई है. इसमें सुधार करने की मांग आम नागरिकों द्वारा की जा रही है. इसके साथ ही नगरपरिषद की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया जा रहा है.