यवतमाल

Published: Nov 21, 2021 11:27 PM IST

Soyabean Rateजिले में सोयाबीन 7हजार प्रति क्वींटल खरीदी का अनुमान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. जिले में बिते कुछ दिनों से एमएसपी की तुलना में सोयाबीन को काफी कम दाम मिल रहे थे. जिससे किसानों में चिंता व्याप्त थी.दो माह पुर्व सोयाबीन को 11 हजार रुपए प्रतिक्वींटल के दाम मिलने से उनमें खुशी थी, जो दिपावली के पूर्व और बाद में खरीदी के दौरान फुर्र हो गयी.

सोयाबीन को इस दौरान प्रतिक्वींटल 4 हजार से 4500 रुपए प्रतिक्वींटल से निजी व्यापारीयों द्वारा खरीदा जा रहा था. लेकिन इस सप्ताह के अंत में जिले की अधिकांश मंडीयों में लाईसेंसी व्यापारीयों ने 4500 रुपए प्रतिक्वींटल दरों से सोयाबीन खरीदा.इससे पहले किसानों ने दामों में गिरावट के कारण सोयाबीन का भंडार घरों में रखा था.

सरकार द्वारा मुर्गी पालन के लिए सोया पेंड की विदेश से आयात होने से दाम गिरे थे.लेकिन हाल ही में पोल्ट्री फार्म के मालिकों द्वारा सरकार को सोया पेंड आयात करने संबंध्भी जे पत्र पर सरकार ने अब विचार नही किया है. जिससे अगले कुछ दिनों में यदि आयात नही होती है, तो सोयाबीन के दामों में उछाल आने का अनुमान जताया जा रहा है.

बाहर से आपूर्ति कम होने और किसानों, व्यापारीयों ने भंडारन करने से सोयाबीन की आवक कम हुई है.यही वजह है की सोयाबीन के दाम 7 हजार रुपए प्रतिक्वींटल बढने की संभावना जतायी जा रही हे.

दिपावली के बाद जिले में सोयाबीन की मंडीयों में आवक हुई, जिसके बाद इसके दर 5900 प्रतिक्वींटल भी मिले थे, इसके बाद यह किंमतें गिरी.इसके बाद दाम प्रतिक्वींटल 5900 पर स्थिर हो गए.

शनिवार तक यवतमाल जिले की मंडीयों में सोयाबीन को लगभग यही दाम किसानों को मिले.लेकिन मंडीयों में सोयाबीन की आवक कम रही.दाम बढने की संभावना के बाद किसानों ने मंडीयों में सोयाबीन की आवक कम कर दी, किसान दाम बढने तक अपने घरों में ही इसका भंडार रख रहे है्र, इसी से आवक कम हो रही है, एैसी जानकारी स्थानिय व्यापारीयों ने दी.

पोल्ट्री फार्म और ब्रिड का निर्माण करनेवाले घटकों की मांग पर सोयाबीन खादय की बाहरी देशों से आपूर्ति नही हुई है,जिससे व्यापारी भी अनुमान जता रहे है की,इसी के चलते सोयाबीन के दामों पर असर पडेंगा.फिलहाल पोल्ट्री खादय की कमी नही है, लेकिन आपुर्ति रुकने तक देश में सोयाबीन से इसका उत्पादन बढेंगा, जिसके लिए सोयाबीन की जरुरत बढेंगी.

इसके अलावा खादय तेल के लिए भी सोयाबीन की काफी जरुरत होंगी. इस वर्ष जिले में अतिवृष्टी के कारण भले ही सोयाबीन को नुकसान पहूंचा है, लेकिन विदेशों से सोयापेंड की आवक रुकने से अब सोयाबीन की दरों में उछाल हो सकता है, जिससे जिले के किसानों को अगले कुछ दिनों में अच्छे दाम मिल सकते है.