यवतमाल

Published: Sep 25, 2020 04:27 PM IST

यवतमालकृषि नुकसान की जांच कराने के लिए पहल करें किसान - किसान नेता सिकंदर शहा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. जिले में लगातार भारी बारिश के कारण कृषि को भारी नुकसान पहुंचा है. इस बीच, अमरावती संभागीय आयुक्त ने कृषि घाटे पर पंचनामे करने के आदेश दिए है. कई किसानों को अनजाने में बाहर रखा जाता है और पंचनामा करते समय मदद से वंचित किया जाता है. इसलिए, शेतकरी वारकरी संगठन के अध्यक्ष सिकंदर शहा ने प्रभावित किसानों से अपील की है कि वे अपने खेत का पंचनामा सरकारी मशीनरी के माध्यम से करवाने के लिए प्राथमिकता से पहल करें.

इस साल जून में यवतमाल जिले हल्की बारिश हुई. उसके बाद जुलाई, अगस्त और सितंबर में लगातार बारिश होती रही. अब जबकि सोयाबीन की फसल निकासी का समय नजदीक है, बारिश रुकने को तैयार नहीं है. जिससे बडी संख्या में सोयाबीन की फलियों को अंकुरित होते देखा जाता है. भारी बारिश ने कपास और अन्य फसलों को प्रभावित किया है. कई खेतों में कपास के बोंड सड गए है. अधिक बारिश ने सोयाबीन के साथ कपास पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है. नदी, नाले के किनारे की कृषि बाढ से बहकर गई है. इस बीच, किसान नेता सिकंदर शहा ने भारी बारिश के लिए सरकार से मुआवजे की मांग की थी. उस संबंध में, सरकार ने किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया है.

25 सितंबर को अमरावती डिवीजन कमिश्नर पीयूष सिंह ने भारी बारिश और बाढ से हुए नुकसान का पंचनामा करने के आदेश पारित किए है. जल्द ही राजस्व, कृषि के साथ-साथ ग्राम स्तरीय प्रणाली पर पंचनामे सर्वेक्षण का काम शुरू किया जाएगा. शेतकरी वारकरी संगठन के अध्यक्ष सिकंदर शहा ने सरकार से एहतियाती कदम उठाने की अपील की है ताकि कोई भी प्रभावित किसान सहायता से वंचित न रहें. बॉक्स: शर्त को शिथिल किया जाना चाहिए, 33 प्रतिशत से अधिक प्रभावित किसानों को भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान पर संयुक्त पंचनामा के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी.

सरकार निर्णय 13 मई, 2015 को निर्धारित दर पर आवश्यक सहायता के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव फार्म अ,ब,क व ड में तहसीलनिहाय मांगा गया है. किसानवर्ग सरकार के निर्णय का स्वागत करते है. साथ 33 फीसदी की शर्त शिथिल करने पर कम नुकसान हुए किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा, जिससे शर्त को शिथिल करने की मांग भी की है.