यवतमाल

Published: Nov 18, 2021 11:10 PM IST

Electricity वसूली के अभाव में तकनीकी दिक्कतें दूर करने पर लगा दी अघोषित पाबंदी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. यवतमाल जिले में बडे पैमाने पर कृषी पंपों के बिजली कनेक्शन के एैवज में बील बकाया होने के बाद महावितरण कंपनी ने वसुली के लिए सख्त अभियान चलाया है.लेकिन कृषीपंपों के बिजली कनेक्शन के लिए सबसिडी, बकाया बील राशी भरने में कृषीपंप धारकों को छूट की योजना के बावजुद महावितरण कंपनी के अधिकारी, कर्मचारी वसुली में पिछडे है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार यवतमाल शहर से सटे ग्रामीण ईलाकों के खेतों में कृषीपंपों को बिजली आपूर्ति के तौर पर दी गयी बिजली बिल अनेक बरसों से भरे नही गए है. जिससे यवतमाल ग्रामीण ईलाकों में खेतीहर सिंचाई के कृषीपंपधारकों पर 50 करोड रुपयों का बकाया हो चुका है.

कृषीपंपों के लिए दी गयी बिजली के बील ना भरे जाने से अब यवतमाल ग्रामीण मुख्य सबस्टेशन के अभियंता, कर्मचारीयों द्वारा वरिष्ठ स्तर पर निर्देश मिलने से डीपी, ट्रान्सफार्मर, और बिजली तारों की मरम्मत पर एक तरह से अघोषित तौर पर रोक लगा दी गयी है.महावितरण कंपनी कार्यालय के अधिन आनेवाले यवतमाल ग्रामीण क्षेत्र में ना तो वसुली हो पा रही है.

और ना ही बिजली लाईन की तकनिकी मरम्मत की जा रही है, जिससे गरीब किसानों को एैन रबी फसल में सिंचाई हेतु बिजली ना मिलने से दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इस बारे में वें उनके पास भी जवाब नही है.तो दुसरी ओर सिंचाई के लिए बिजली न मिलने के बावजुद इन किसानों के प्रति सरकार और प्रशासन भी नजरअंदाजी कर रहा है.

बरसों से बकाया, बिजली विभाग की सुस्ती से बढी बीलों की राशी

प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिजली विभाग के यवतमाल ग्रामीण सबस्टेशन से 27 गांवों और खेतों के कृषीपंपों को बिजली दी जाती है.लेकिन बरसों से खेती की खरीदी बिक्री और जमीन का आर्थिक व्यवहार के बाद आदान प्रदान होने से खेतों में कृषीपंपो का करोडों के  बिजली बिल बकाया हो चुका है, मुल खेतीधारकों पर बकाया है, लेकिन खेती की खरीदी बिक्री के पहले और बाद में बील होने का बहाना बनाकर वें बील भरने में आनाकानी करते है.

इनमें अधिकांश खेत और कृषीपंपधारको ने अपनी खेतजमीन मक्ता बटाई से गरीब किसानों दी है, लेकिन वह यह बील नही भर सकते है.लेकिन महावितरण की सख्ती से मक्ते से जमीन लेकर सब्जी,और रबी फसल लेनेवाले इन गरीब किसानों को सिंचाई के लिए बिजली नही मिल पा रही है.दुसरी ओर कृषीपंप कनेक्शन के बिजली बील की मुल राशि और ब्याज बढ रहा है.

यवतमाल ग्रामीण महावितरण कंपनी अनुमान के मुताबिक 15 सालों से बडे पैमाने पर वसुली नही कर पायी है.वर्तमान में कृषीपंपों का बकाया बीलों का आंकडा 50 करोड तक पहूंच चुका है.इससे अब बिजली विभाग ने वसुली पर सख्त तेवर अपनाकर तकनिकी मरम्मत पर रोक लगा दी है, साथ ही बील न भरने पर कनेक्शन काटने का रुख अपनाया है.इससे रबी फसल लेनेवाले गरीब किसानों कों बिजली नही मिल पा रही है.

बकाया वसुली तक नही बदलेंगे ट्रान्सफार्मर

यवतमाल ग्रामीण बिजली विभाग के डोर्ली, भाग्यनगर ईलाके के खेतों में बिजली आपूर्ति करनेवाला ट्रान्सफार्मर 6 माह से बंद पडा है, इसका आईल खत्म होने और तकनिकी दिक्कतें आने पर इसकी मरम्मत नही की गयी है, इससे क्षेत्र के किसान रबी फसल को सिंचाई नही कर पा रहे है.

बताया जाता है की इस ईलाके में बिजली की तकनिकी दिक्कतों को दुर करने और बिजली लाईन मरम्मत बकाया राशी वसुली न होने से रोकी गयी है, लेकिन इससे सबस्टेशन के अधिकारी, कर्मचारी इंकार कर रहे है,हालांकी ट्रान्सफार्मर की मरम्मत पर पुछे जाने पर ग्रामीण सबस्टेशन के सहायक कार्यकारी अभियंता पोतदार ने बताया की, जब तक कृषीपंपधारक बकाया राशि का आधा बिल नही भरते है, तब ट्रान्सफार्मर मरम्मत या इसे बदला नही जाएंगा,एैसे वरिष्ठ स्तर पर निर्देश होने की जानकारी भी उन्होने दी.