यवतमाल

Published: Jan 03, 2022 11:04 PM IST

Yavatmal Newsडीपीसी की बैठक में जिप.सदस्य कर सकते है विधायक, मंत्री को जवाबतलब

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. यवतमाल जिलापरिषद के तहत ग्रामीण ईलाकों में विकास और सुविधाओं के कामों के लिए मिलनेंवाली निधी में कैंची लगाने से जिलापरिषद के विभीन्न सर्कलों के सदस्यों में नियोजन समिती के फैसलों को लेकर रोष व्याप्त हो चुका है. जिससे आगामी डीपीसी की बैठक में जिप.सदस्यों द्वारा मंत्री और इसके सदस्य जनप्रतिनिधीयों सें जवाब तलब किया जा सकता है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जारी आर्थिक वर्ष में जिप. की जनसुविधा के लिए मंजुर हुई 30 करोड की खर्च राशी से 20 करोड का निधि दिया गया था लेकिन वर्ष 2021-22 इस एक वर्ष में केवल 8 करोड 62 लाख रुपयों का निधी ही दिया जाएंगा, ग्रामीण सर्कलों में जनसुविधा के कामों को जिप.सदस्यों के प्रस्तावों पर निधी उपलब्ध की जाती है, लेकिन इस राशि पर डीपीसी ने कैंची लगा दी है, जिससे जिलापरिषद सदस्यों समेत सत्ताधारी पदाधिकारीयों में रोष व्याप्त हो चुका है.

बता दें की जिला नियोजन समिती में गांव और शहरी ईलाकों में जनसंख्या के आधार पर जहां सदस्यों का चयन होता है, वहीं इसमें सबसे अधिक 26 सदस्य जिलापरिषद के सदस्य है, बचे हुए नगरपालिका के सदस्य है, जिले में विकास का नियोजन करने डीपीसी यह जिले की एक तरह से आमसभा है.

इसमें फैसले लेते समय जिला वार्षिक योजना के साथ ही अनुसुचत जाती उपयोजना, पहाडी क्षेत्रों का विकास का निधी बांटते समय ग्रामीण और शहरी जनसंख्या ध्यान में लेना जरुरी है,लेकिन जनसुविधा के कामों को निधी देते समय पालकमंत्री संदिपान भुमरे के निर्देशों पर इस पर कमी की गयी है.

बताया जाता है की जिलापरिषद प्रशासन द्वारा सत्ताधारी गुट और जिप. के विपक्षी सदस्यों को मिलाकर इस बार 8 करोड 62 लाख रुपयों के विकासकामों की मांग का प्रस्ताव पालकमंत्री की सुचना के मुताबिक डीपीसी के लिए भेजा गया, जबकी बिते आर्थिक वर्ष में जिप. के जनसुविधा के कामों के लिए 20 करोड रुपयों की राशि मिली थी, लेकिन इस बार इसमें बडे पैमाने पर कटौती की गयी है.

जिससे पालकमंत्री के इस कदम से जिप.सदस्यों में रोष दिख रहा है, जिससे आगामी डीपीसी की बैठक में ग्रामीण ईलाकों में राशि के आवंटन और विकासकामों को लेकर सभी जिप.सदस्य समिती के अध्यक्ष और विधायकों को जवाबत तलब कर सकते है, एैसी चर्चा भी जिप. के गलियारों में जारी है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिला नियोजन समिती के जरीए विकासकामों के लिए राशी बांटते समय केवल विधायकों को समाधानी रखने की निती अपनायी जा रही है, एैसा आरोप भी जिप.सदस्य ऑफ दी रिकॉर्ड लगा रहे है, जो सदस्य विधायकों के संपर्क में है, या उनके राजनितीक लाभ के लिए फायदेमंद है, एैसे सदस्यों को अपने सर्कल में विकासकाम करने जरुरी है, लेकिन उनके ईलाकों में भी विकास के प्रस्तावों को मंजुर नही किया जा रहा है.एैसी जानकारी भी जिप.सदस्यों ने दी है.

जिलापरिषद के निर्माणविभाग को 48 करोड से अधिक की राशि

बता दें की जिलापरिषद के तहत निर्माणकार्य क्र.1 तथा 2 आते है, इन दोनों विभागों के ऑडीट के मुताबिक इस बार दोनों विभागों को 48 करोड 75 लाख रुपयों की राशी मिली है, एैसी जानकारी इस विभाग के कार्यकारी अधिकारी कुटे ने प्रसारमाध्यमों को दी. इसमें निर्माणकार्य विभाग क्र.1 को 11 करोड तथा क्र.2 को 4 करोड 75 लाख रुपए डीपीसी से उपलब्ध करवाए गए है, लेकिन इसमें भी जिप.के निर्माणकार्य क्र.1 को 20 करोड रुपयों के कामों की जिम्मेदारी होने पर भी इसमें डीपीसी ने कमी की है.दोनों विभागों को यह निधी मंजुर करने के साथ ही हर विभाग के 32 कामों को जिला नियोजन समिती ने मंजुर किया है.