यवतमाल

Published: Oct 30, 2020 09:20 PM IST

यवतमालराज्य और केन्द्र सरकार के झगडे में किसानों का नुकसान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. राज्य तथा केन्द्र सरकार के झगडे में महाराष्ट्र के किसानों का नुकसान हो रहा है. इस वर्ष अतिवृष्टी की वजह से राज्य के किसान संकट में है. किसानों को मदत नहीं मिली तो किसान आत्महत्याओं में वृध्दी होगी, और इसे राज्य तथा केन्द्र की सरकार जिम्मेदार रहेगी ऐसा आरोप किसान वारकरी संगठन के अध्यक्ष सिकंदर शहा ने किया है. वे यवतमाल में आयोजित संवाददाता संमेलन में बोल रहे थे.

जिले में लगभग 80 फिसदी किसान अल्पभुधारक है. प्राकृतिक संकट से किसान चिंतीत है. इस वर्ष लौटती बारीश ने किसानों की फसल बर्बाद की. जिससे करोडों का नुकसान हुआ है. कपास की फसल पर अब बोंडइल्ली का संक्रमण बढ रहा है. ऐसी स्थिति में आगामी त्यौहार को ध्यान में लेकर कपास खरीदी शुरू करना जरूरी है. कपास खरीदी के लिए पंजीयन शुरू है.

कपास खरीदी दिपावली के बाद शुरू होने की संभावना होने से किसान चिंतीत है. किसानों को लोगो के पैसे लौटाना है. इसलिए वे नीजी व्यापारीयों को कपास बेच रहे है. व्यापारी उन्हे 3 हजार 800 से 4 हजार 500 रु. दाम दे रहे ऐसी जानकारी है. इसलिए कपास खरीदी सीसीआई तुरंत शुरू करें ऐसी मांग सिकंदर शहा ने की है.

राज्य सरकार के पास पैसे नही होने से किसानों को सहायता मिलेगी या नही इस बारे में संभ्रम है. इसलिए केन्द्र सरकार राष्ट्रीय आपत्ती घोषीत करे ऐसी मांग शहा ने की है. संवाददाता संमेलन में ह.भ.प. गुलाबराव महाराज, उत्तम गुल्हाणे, दिपक मडसे, विष्णु तडसे, मारोतराव उभारे, अविनाश रोकडे, विठ्ठल टाले उपस्थित थे.