यवतमाल

Published: Jun 19, 2020 01:05 AM IST

यवतमालआर्णी में मिला पैंगोलिन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. आर्णी में बीती रात प्रभाग 8 में विठ्ठल मंदिर क्षेत्र में रास्ते पर पेंगोलिन (सलगर) विचरण करता दिखाई दिया. घूमते-घूमते वह नाली में चला गया. इस क्षेत्र के युवकों ने नाली में जाते हुए पैंगोलिन को देखा. उन्होंने इस बात की जानकारी वनविभाग को दी. वनविभाग के रेस्क्यू दल ने नागरिकों के सहयोग से पैंगोलिन को पकड़ा तथा गुरुवार को उसे जंगल में छोड़ दिया.

है दुर्लभ वन्यजीव
वनविभाग से मिली जानकारी के अनुसार दुर्लभ वन्यजीव माने जाने वाला पैंगोलिन की जानकारी मिलते ही आर्णी वनपरिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय के वन परिक्षेत्राधिकारी आर. बी. रोड़गे के मार्गदर्शन में  वनविभाग के रेस्क्यू दल के सदस्य नीलेश चव्हाण वनरक्षक बेलोरा, एम. के. जाधव, अमोल श्रीनाथ, प्रफूल कोल्हे दीपक सपकाले  सहित क्षेत्र के युवक सुयोग चिंतावार, सचिन निलावार, विनोद राऊत आदि के सहयोग से नाली से बाहर निकाला गया. 

लाखों रु. कीमत
इस दुर्लभ वन्य जीव की अंतराष्ट्रीय बाजार में लाखों रुपये की कीमत बताई जाती है. इस वन्यजीव का दवाइयों के निर्माण के लिए उपयोग किया जाता है. देशी पैंगोलिन को जिंदा पकड़ा गया. यह इंडियन पैंगोलिन होकर 4 से 5 किलो  और 100 सेमी लंबा है. इसकी खाल बहुत मोटी होती है. इसकी खाल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में डेढ़ से दो लाख रूपये है. इसके मांस की भी कीमत अधिक है.  

विलुप्त हो रहे
यह वन्यजीव लगातार शिकार होने के कारण विलुप्त हो गए हैं.  संभवतः आर्णी में यह प्रथमतः दिखाई दिया. इसे आर्णी वनविभाग क्षेत्र के जंगल मे वरिष्ठ अधिकारी की उपस्थिति में जंगल में छोड़ा गया.

-आर. बी. रोड़गे, वन अधिकारी.