यवतमाल

Published: May 31, 2020 12:02 AM IST

कोरोना वायरस उपचार व आइसोलेशन से भयभीत न हों लोग - पालकमंत्री राठोड़ ने किया आह्वान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. रेड जोन से आने वाले नागरिकों की वजह से जिले में कोरोनाबाधितों की संख्या बढ़ रही है. बाहर से आनेवाले नागरिकों की चिकित्सकीय जांच कर उन्हें आइसोलेशन कक्ष में रखना अनिवार्य है. नागरिकों को कोरोनासदृश्य लक्षणों का अनुभव होते ही सरकारी यंत्रणा से संपर्क करना चाहिए. पालकमंत्री संजय राठोड ने लोगों से अपील की है कि वे अपने स्वयं के स्वास्थ्य और दूसरों के स्वास्थ्य के लिहाज से उपचार व आइसोलेशन से भयभीत न हों.

उन्होंने बताया कि जिले में अन्य राज्य तथा विविध जिलों से बड़े पैमाने पर नागरिक आ रहे है. इनमें रेड जोन से आने वाले नागरिकों का समावेश है. जिला प्रशासन ने बाहर से आए नागरिकों की देखभाल और उन्हें उनकी स्वास्थ्य स्थिति से अवगत कराने के लिए एक ग्राम समिति का गठन किया है. इसमें ग्रामसेवक, पटवारी, पुलिस पाटिल, मंडल अधिकारी आदि शामिल हैं. इस समिति को उन नागरिकों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है जो आइसोलेशन के साथ-साथ ऐसे नागरिक भी हैं जिनमें कुछ लक्षण है.

…तो गांव समिति होगा जिम्मेदार
उन्होंने बताया कि यवतमाल जिले में अब तक ढाई माह से यवतमाल जिले में एक भी कोरोनाबाधित मरीज की मृत्यु नहीं हुई थी. हालांकि शनिवार को उमरखेड़ तहसील के नागापुर निवासी कोरोनाबाधित महिला की मृत्यु होने से जिले में पहली कोरोना से संबंधित मौत दर्ज हुई है. उक्त महिला मुंबई से आयी थी और उसने अन्य स्थान पर उपचार लिए थे. गांव समिति ने इस मामले को तुरंत प्रशासन के निर्देशन में लाकर देना था, हालांकि इस पर ध्यान नहीं दिया गया. इस मामले में गांव समिति तथा संबंधित उपविभागीय अधिकारी, गुटविकास अधिकारी, तहसीलदार, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा. पालकमंत्री ने जिला प्रशासन को उनसे स्पष्टीकरण मांगने का भी निर्देश दिया है.