यवतमाल

Published: Dec 01, 2020 10:12 PM IST

यवतमालउमरखेड में रुईपिलाई डब्बल पेटी प्रेसिंग मशीन, रोज निकलेगी 250 रूईगठान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

उमरखेड. जिनिंग प्रेसिंग संस्था सहकारी तत्व पर निर्माण हुई. संस्था की ओर 7 हजार से अधिक किसान सभासद है.किसानों के हित में हमेशा कार्य करनेवाली संस्था निर्माण की गई थी. रोज 30 मजदूर काम करनेवाली अंग्रेजकालीन इस संस्था ने रुईपिलाई प्रेस शुरू की थी. गत कुछ दिनों की निराशाजनक स्थिति देख कम खर्च में अद्यावत प्रेसिंग मशिन निर्माण के लिए संस्था ने प्रयास किए. इसके लिए सभाी संचालकों ने  अभ्यास दौरा किया.  संस्था को आर्थिक दिक्कतों से निकालने के लिए महाराष्ट्रीयन उद्योजकों ने गुजरात जाकर नई रूई पिलाई डब्बल पेटी प्रेस प्रेसिंग मशिन उद्योग निर्माण किया. यह प्रेस संस्था संचालकों ने उमरखेड में कपास मौसम के पहले यह उद्योग निर्माण किया. 

किसानों ने कराया पंजीयन

उमरखेड में अबतक सीसीआई द्वारा कपास खरीदी शुरू नही हुई. कपास बेचने के लिए किसानों ने बाजार समिति में जाकर टोकन पध्दति से पंजीयन किया. अब कपास उत्पादक किसानों पर कपास खरीदी का इंतजार करने की नौबत आयी है. असंगठीत किसानों की यह समस्या कब दुर होगी ऐसा सवाल किसान पुछ रहे है.

50 वर्ष पहले निर्माण हुई थी प्रेस

50 वर्ष पहले अंग्रेजकालीन प्रेस निर्माण की गई थी. जिसमें 30 से 35 मजदुर कार्यरत थे. दिनभर में 65 रूईगठान क्षमता इस प्रेस की थी. नए से निर्माण की गई ‘ रूई पिलाई डब्बल पेटी ‘ प्रेसिंग मशिन केवल एकही मजदुर चलाएगा. पहले से 30 फिसदी कम बिजली इसके लिए इस्तेमाल होगी, ऐसी जानकारी संचालकों ने दी. बीजली और कामगारों पर होनेवाले खर्च की इससे बचत होगी. 

जिनिंग प्रेसिंग संस्था प्रगती पथ पर

सहकारी तत्वावर चलनेवाली एकमात्र जिनिंग प्रेसिंग संस्था दिनोंदिन प्रगती पथ पर है. जिससे किसान सभासदों की यह संस्था प्रख्यात होगी. निवेश का अभाव होने पर भी इस संस्था को आर्थिक स्त्रोत लाभ होगा. भविष्य में धागामील, ऑईल मिल समेत किसानों की उपज पर प्रकीया उद्योग के लिए दिशा मिलेगी. – डा. अनंतराव कदम, अध्यक्ष जिनिंग प्रेसिंग संस्था, उमरखेड