यवतमाल

Published: Oct 10, 2020 11:20 PM IST

यवतमालमजदूरी कर संतोष कावले ने बनाई चार्जिंग साइकिल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

महागांव. इंदिरा नगर प्रभाग क्र. 3 निवासी संतोष मारोती कावले ने अपने दैनिक मजदूरी का काम कर एक पुरानी रेंजर साइकिल खरीदी और चार्जिंग के लिए एक साइकिल बनाई. साइकिल को बनाने में एक महीने का समय लगा. साइकिल को बनाने में 15 हजार की लागत लगी. साइकिल के हैंडलपर हेडलाईट लगाया और पीछे के पहिये पर मोटर लगाई और नियंत्रक को अपना कनेक्श दिया. साइकिल के हैंडल पर हेडलाईट लगे हैं. यह साइकिल तीन घंटे तक चार्ज करने के बाद तीस किलोमीटर की गति से चालीस किलोमीटर की यात्रा करती है. चार्जिंग खत्म होने पर साइकिल का पैडल मारकर चलाया जा सकता है. बैटरी चौबीस वाट की बिठाई गई. हैंडल को एक्सीलेटर का कनेक्शन दिया गया. इसलिए यह सचमुच मोटरसाइकिल बन गई है. 

यह मोटरसाइकिल पर्यावरण के अनुकुल है और इसे बनाने के लिए मुझे एक एक्सलेटर कंट्रोलर कीट खरीदनी पडी. क्या कुछ नया और अलग खोजने की प्रकृति होने की संतुष्टि के साथ यु टूब पर एक चार्जिंग की साइकिल बनाने के लिए नई-नई तकनीकि खोज की और वह सफल हुआ. चार्जिंग की साइकिल बनाने के लिए संतोष कावले ने दिन-रात मेहनत की है. बहुत से लोग अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा के लिए विभिन्न उपाय करते हैं. उसकी साइकिल को चार्जिंग पर चलते देख नागरिक हैरान रह गए और महागांव शहर के नागरिकों ने सराहना की. उसकी खुशी देकर संतोष की मांग नंदाबाई कावले भी खुश हो गई. इस समय सुधाकर वाघमारे, रवि वाघमारे, पांडुरंग सावले, राजकुमार रावले, भगवान हातमोडे, शिंदे सेवानिवृत्त लाईनमन आदि नागरिकों के साथ किए लोग चार्जिंग की साइकिल देखने के लिए आ रहें है.