यवतमाल
Published: Aug 23, 2022 11:22 PM ISTSignal Strikeजिला परिषद गेट के सामने डॉक्टरों की सांकेतिक हडताल, अपनी विविध समस्याओं के लिए उठायी आवाज
यवतमाल. विविध समस्या को लेकर संबंधित अधिकारियों के पास समय समय पर निवेदन तथा लिखित रूप में शिकायत दी गई है. लेकिन अब तक कोई भी समस्या का निराकरण नहीं किया गया. इस वजह से मंगलवार 23 अगस्त को मॅग्मों संगठन से जुडे डॉक्टरों ने जिला परिषद गेट के सामने एकदिवसीय सांकेति हडताल की. इस समय इमरजेंसी सेवा छोड़कर सभी ओपीडी सेवा व सभी प्रकार की रिपोर्टिंग बंद रखी गई थीं.
यहां बता दें कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय ने अब तक कभी समय पर वेतन नहीं दिया है. हर बार दो माह के अंतराल के बाद वेतन दिया जाता है. साथ ही तीन माह का वेतन प्रलंबित है. आदिवासी व नक्षलग्रस्त इलकों में सेवा देनेवाले वैद्यकिय अधिकारी को नक्षली भत्ता लागू नहीं किया गया है. जहा एकस्तर लागू है वह वैद्यकीय अधिकारियों को एकस्तर लागू नहीं किया है, जन्हें लागू किया गया है, उनका अर्रेअर्स नहीं निकाला है
. वैद्यकीय अधिकारियों के आवास किराया व यातायात भत्ता किसी भी प्रकार की रिर्पोंट ना करते हुए कटौती की गई है. सरकारी निवासस्थान रहने योग्य नहीं होने के बावजूद उनकी देखभाल के लिए मेंटेनेंस कटौती की गई है. परिविक्षाधीन समय अवधि पूरी किए वैद्यकीय अधिकारियों को वेतन बढ़ोतरी लागू नहीं की गई है. साथ ही उनके एरियर्स निकाले नहीं गए है. उम्र 12 से 18 में कोविड टीकाकरण का प्रमाण कम हुआ तो वैद्यकिय अधिकारी व तहसील स्वास्थ्य अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, साथ ही वैयक्तिक कार्यवाही की जा रही है.
लगभग 70 वैद्यकीय अधिकारियों का जानबूझकर एचआरए और टीए कटौती किया गया है. आश्वासित प्रगती योजना का लाभ अनेक सेवानिवृत्त, कार्यरत वैद्यकीय अधिकारी, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी को लागू नहीं की गई है. वैद्यकीय प्रतिपूर्ती देयक मंजूर होने के बाद भी वह वैद्यकीय अधिकारियों को अदा नहीं किए गए है. सेवानिवृत्त वैद्यकीय अधिकारियों को लाभ नहीं दिया गया है और उनके निवृत्ती वेतन शुरू नहीं किया गया है समेत अन्य मांग को लेकर संगठन ने समय समय पर जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को निवेदन, लिखित शिकायत दी गई है. लेकिन उस समस्या पर अब तक हल नहीं निकाला गया है.
इस वजह से मंगलवार 23 अगस्त को एक दिवसीय हड़ताल की गई. इस हडताल में डॉ. विजय आकोलकर, डॉ. रवि शंकर पाटील, डॉ रविंद्र दूर्गे, डॉ संघर्ष राठोड, डॉ. शामकुमार शिंदे, डॉ.जब्बार पठाण, डॉ. सुषमा खोडवे, डॉ. तनवीर शेख, डॉ. मुकेश खाडवे, डॉ. ईश्वर वातिले, डॉ. मधुकर मडावी, डॉ. रवि पाटील, डॉ. मोहन गेडाम समेत अन्य उपस्थित थे.