यवतमाल

Published: Dec 01, 2020 10:07 PM IST

यवतमालजिले में गन्ने के क्षेत्र में हुई एक हजार हेक्टेयर से वृद्धि

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. गन्ना व्यापक रूप से जिले के पुसद, उमरखेड और महागांव तहसीलों में उगाया जाता है. इस वर्ष गन्ने की खेती में 956 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है. इससे गन्ने की अधिकता पर सवाल खड़ा होता है. चूंकि जिले में कुछ चीनी कारखाने हैं, यह गन्ना मराठवाड़ा में चीनी कारखाने में जा रहा है.

उमरखेड तहसील में, इस साल जिले में अधिकतम साढ़े तीन हजार हेक्टेयर में गन्ना लगाया गया था. उसके बाद, महागांव तहसील में 2,100 हेक्टेयर और पुसद तहसील में 1,000 हेक्टेयर में गन्ना लगाया गया है. जिले में चार चीनी कारखाने हैं. इनमें से केवल दो चालू हैं और दो चीनी कारखाने बंद हैं. इसलिए, किसानों को मराठवाड़ा में अपने गन्ने को नजदीकी चीनी कारखानों में ले जाना पड़ता है. इससे गन्ना उत्पादकों पर बोझ पड़ता है क्योंकि इसमें परिवहन के लिए अतिरिक्त लागत आती है. हालांकि, इस साल बारिश के कारण गन्ने की अधिक पैदावार से किसान संतुष्ट हैं.

जिले में दो चीनी मील बंद रहने से अतिरिक्त गन्ना नांदेड जिले के चीनी मिली में जाता है. इनमें कलमनुरी एवं हातगांव के चीनी मिलों का समावेश है. यह दोनों तहसील पुसद, उमरखेड और महागांव तहसीलों से सटे हुए है. इसलिए, गन्ना उत्पादक किसान वहां के कारखानों को गन्ना देते हैं.

जिले के महागांव तहसील में गुंज पर प्राकृतिक चीनी और संबद्ध उद्योग लि. यूनिट -2 की फैक्ट्री ने इस साल गन्ने की कीमत 2,400 रुपये प्रति टन घोषित की है. यवतमाल तहसील के मंगरूल में डेक्कन शुगर प्राइवेट लिमिटेड कहा जाता है कि कारखाने ने पर्याप्त दरों की घोषणा की थी.

इस वर्ष गन्ने का उत्पादन संतोषजनक है

इस वर्ष गन्ने का उत्पादन संतोषजनक है. बारिश ने गन्ने को पुनर्जीवित कर दिया. परिणाम उत्पादन में मामूली वृद्धि हुई. इससे किसानों को दो अतिरिक्त रुपये खर्च करने की संभावना है. इससे आर्थिक संतुष्टि मिलेगी. – गोविंदराव देशमुख, सवना, तहसील महागांव