यवतमाल

Published: Jul 10, 2021 10:28 PM IST

Rising Priceपरेशानी: बढ़ते सिलेंडर के दाम से बिगड़ा बजट, गैस कनेक्शन बना शो-पीस, ग्रामीण फिर हुए चूल्हे पर निर्भर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. केंद्र सरकार द्वारा गरीबों को उज्ज्वला गैस का वितरण किया गया. गैस सिलेंडर के दाम दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. नतीजतन, गृहिणियों का बजट गड़बड़ा गया है. जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में चूल्हे पर खाना बनाना पसंद किया जाता है. 

पारंपरिक चूल्हों पर खाना पकाने को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गृहिणियों के बजट के रूप में देखा जाता है, क्योंकि महंगाई के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा उचित सावधानियों की कमी के कारण गृहिणियों का बजट गड़बड़ा गया है. 

लगातार बढ़ रहीं कीमतें

ईंधन की कीमतें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं. हर महीने गैस के रेट फिक्स होते हैं. यह लगातार बढ़ रहा है. 1 जुलाई को एक सिलेंडर की कीमत में 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. बढ़ती दरें अब गरीबों की पहुंच से बाहर हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में अब फिर से चूल्हे जल रहे हैं.

चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी लगती है. जलाऊ लकड़ी के लिए पेड़ों की कटाई होती है, इसलिए अब आशंका है कि वनों की कटाई फिर से बढ़ जाएगी. 

महिलाओं को चूल्हे की जरुरत न पड़े इसके लिए केंद्र सरकार ने उज्जवला गैस योजना के तहत गैस कनेक्शन का वितरण किया, लेकिन गैस की कीमत बढ़ने से इसे अब गरीब खरीद नहीं रहा है. परिणाम स्वरूप अब गैस शो पीस बनके रह गया है.