यवतमाल

Published: Mar 19, 2024 01:57 AM IST

Unseasonal Rainsयवतमाल में बेमौसम बारिश से फसलें तबाह, 132 घरों का नुकसान, 12 पशुओं की मृत्यु

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

यवतमाल (जि.प्र.). यवतमाल शहर सहित जिले भर में 17 और 18 मार्च को बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने कहर बरपाना का काम किया. गर्मी के दिनों में अचानक बेमौसम बारिश ने दस्तक दिए जाने से किसानों के खेत की फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. बेमौसम बारिश से 8319.89 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का नुकसान हुआ है. वहीं 132 घरों का नुकसान, 12 पशुओं की जान जाने के साथ ही दारव्हा में गाज गिरने से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है.

गौरतलब है कि यवतमाल शहर सहित जिले भर में बेमौसम बारिश ने किसानों और आम नागरिकों की परेशानी बढ़ाने का काम किया है. आसमानी गाज गिरने से वणी में एक बैल, मारेगांव में एक गाय, दो बछड़े, दिग्रस में तीन, झरीजामणी में एक, दारव्हा में दो बैल, रालेगांव में दो कुल 9 बड़े और तीन छोटे पशु सहित 12 पशुओं की मृत्यु हुई है. वहीं तेज तूफानी हवाओं और ओलावृष्टि से घरों को नुकसान भी हुआ है, जबकि गाज गिरने से दारव्हा तहसील के लोही निवासी बालू लक्ष्मण पुंड की मृत्यु हुई है. मारेगांव में एक, कलंब में 6, पुसद में 1, झरी में दो, आर्णी में सर्वाधिक 121 कुल 132 घरों का आंशिक रूप से नुकसान हुआ है.

गेहूं, चना, तिलहन सहित अन्य फसलें प्रभावित

जिले में बेमौसम बारिश से फसलों का भी बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. जिले में 8319.89 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें प्रभावित हुई है. बाभुलगांव तहसील में 12.20 हेक्टेयर क्षेत्र में पपीता, गेंहू, केलापुर तहसील में 50.69 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंहू, ज्वार, मारेगांव तहसील में 104 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंहू, चना, ज्वारी, मकई, उमरखेड तहसील के 2275 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंहू, चना, मकई, हलदी, दिग्रस तहसील के 275 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंहू, चना,ज्वारी, झरीजामणी तहसील में 15 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंहू, मिरची, कलंब तहसील के 8 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंहू, आम, ज्वारी, पुसद तहसील के 394 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंहू, ज्वारी, चना, तिलहन, फलों, यवतमाल तहसील के 130 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंहू, ज्वारी, चना, तिलहन, दारव्हा तहसील के 1846 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंहू, चना, तिलहन, ज्वारी, संतरा, आर्णी तहसील में सबसे ज्यादा 3210 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंहू, चना, तिलहन, ज्वारी, संतरा फसलों का नुकसान हुआ है.

ओलावृष्टि से प्रभावित गांव

जिले के आर्णी, मारेगांव, उमरखेड़ और दारव्हा तहसील में ओलावृष्टि ने कहर बरपाने का काम किया है. आर्णी तहसील में आने वाले जवला, लोणी, खंडाला, देवगांव, अकोला, खेड़, बीड़, तरोडा, गणगांव, उमरी पठार, शिरपुर, ब्राम्हणवाड़ा, सेलू ग्रामीण गवणा, काकडदरा, चांदणी, देऊरवाडी, दत्तरामपुर, उमरी इजरा, टेंडूली, नवनगर, अंतरगांव, आर्णी, आपरा, केलझरा खंड कुल 25 गांवों में ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है.

मारेगांव तहसील के घोडदरा, शिवनाला, खेकडवाई, घोगुलदरा, बुरांडा, सराटी, कुभा, इंदिराग्राम, श्रीरामपुर, नरसाला, गोंडबुरांडा, धामणी, सिंधी, महागांव, साखरा, रामेश्वर, बोरी, मांगली, कोठूर्ला, कृष्णापुर,कोसारा, सावंगी, धानोरा के 23 गांवों में ओलावृष्टि हुई है. वहीं उमरखेड़ तहसील के मुलावा, हातला, नांदला, तिवरंग, झाडगांव, भांबरखेडा, पिंपलदरी, धनज, आडद, डोर्ली, मोहदरी, तरोड, कलमुला, पाहुनमारी, वानेगांव, पार्डी बु., केली, दराटी, शिवाजीनगर, खरबी, सेवालालनगर, टाकली, थेरडी, गाडी, कोर्टा, मुरली इन 27 गांवों में ओलावृष्टि हुई है, जबकि दारव्हा तहसील के पलशी, अंतरगांव, टाकली, सिंदी, महातुली, सेवादास नगर, नायगांव, मांगला इ,बेलेश्वर, रामगांव हरू, पिंपरी, राजूरा, बिजोरा, धुलापुर, वडगांव, बोथ, मांगकिन्ही, लाखखिंड, किन्ही, वडकी, धामणगांव आदि 21 गांवों में भी ओलावृष्टि ने कहर बरपाने का काम किया है.

येडत से खटेरा तक सड़क पर गिरे पेड़

झरीजामनी. तहसील के कोसरा, आदेगांव, येडत, खटेरा, मांगली, भेंडला, रुइकोट और अन्य क्षेत्रों में शनिवार और रविवार शाम 5:30 बजे बारिश और तेज हवाओं के कारण गेहूं और मिर्च को नुकसान हुआ है. तूफानी हवाओं के साथ हुई बारिश से कुछ स्थानों पर गेहूं और मिर्च की फसलें बह गई हैं. दो दिन से बेमौसम बूंदाबांदी और जगह-जगह ओलावृष्टि से किसानों की परेशानी बढ़ गई हैं. कोसरा क्षेत्र में ओले भी गिरे. परिणामस्वरूप, विभिन्न संकटों से उबरने के दौरान, यह देखा जाता है कि किसानों को प्रकृति की मार का खामियाजा भुगतना पड़ता है. रविवार को येडत से खटेरा तक सड़क पर भी पेड़ धाराशाही हो गए. कुछ जगहों पर 11 केवी बिजली के खंभे भी झुक कर गिर गये, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हो गयी.