यवतमाल

Published: Jan 20, 2023 11:41 PM IST

Yavatmal Newsशहर विकास कार्यों की तीन करोड की ई-निविदाएं खुलने का इंतजार, शहर में विकास कार्य प्रभावित

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

दारव्हा. विशेष रास्ता अनुदान शासकीय योजना अंतर्गत शहर में होनेवाले विकास कार्यों की ई-निविदा प्रकाशित होने के दो माह बीतने के बावजूद भी खोली नहीं गई है. जिसके चलते शहर के विकास कार्य प्रभावित हुए है.

दारव्हा नगर परिषद सीमा क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए विशेष रास्ता अनुदान शासकीय योजना अंतर्गत ई-निविदा बीते 21 अक्तूबर 2022 में प्रकाशित कर एक में 11 और दूसरे पत्रक में दो कुल 13 कामों के 4 करोड 31 लाख 33 हजार 150 रुपए मूल्य की निविदाएं प्रकाशित की गई थीं. इसके लिए पंजीबद्ध ठेकेदारों से निविदांए भरवायी गई थीं. लेकिन निविदाएं भरने की प्रक्रिया में ठेकेदारों में रेस लगी हुई है. जिसके चलते निविदाएं खोलने में देरी होने की चर्चाएं चल रही है.

कुल 13 विकास कामों में से दो विकास कामों की निविदाएं अब तक खोली गई है. यह दो निविदाएं भरने की प्रक्रिया में ज्यादा रेस नहीं लगने से दो निविदाएं खोले जाने की जानकारी है. इसीलिए नगर परिषद प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठ रहे है. शहर के विकास कामों के कुल 4 करोड 31 लाख 33 हजार रुपयों के निधि के 13 कामों में से केवल दो कामों की निविदाएं खोली गई है. वहीं 3 करोड 66 लाख 33 हजार रुपयों की निविदाएं खोली नहीं जाने से शहर के विकास कार्य प्रभावित हुए है.

प्रकाशित की गई ई-निविदाएं जिन ठेकेदारों ने भर दी है. उनके दस्तावेजों की पडताल करने पर अधूरे दस्तावेजों के चलते कुछ निविदाएं खोली नहीं गई है. वहीं जिन ठेकेदारों के पूरे दस्तावेज क्लीयर है ऐसी तीन निविदाएं खोली गई है.

मनीष राठोड (नगर अभियंता- दारव्हा)

नगर परिषद द्वारा प्रकाशित की गई ई-निविदाएं आधे से ज्यादा खोली गई है. मध्यांतर में आचारसंहिता लगने से शेष निविदाएं खोलने का काम बचा हुआ है. आचारसंहिता खत्म होते ही निविदाएं खोलकर कार्यादेश दिए जाएंगे.

धीरजकुमार गोहाड (मुख्याधिकारी- दारव्हा)

टेंडर ओपन नहीं होने से अनेक सवाल उठ रहे है? 

बीते दो महीने से प्रलंबित रहनेवाली निविदाएं खोलने के मामले में नगर परिषद मुख्याधिकारी की भूमिका संदेह के घेरे में है. अनेक ठेकेदारों की तरफ से टेंडर भरे जाने से अपने नजदीकी ठेकेदार को काम दे पाना मुश्किल साबित हो रहा है. इसीलिए टेंडर खोलने में देरी की जा रही है. मुख्याधिकारी किसी के दबाव में काम तो नहीं कर रहे, यह सवाल भी उठ रहा है?

(रवि तरटे- पूर्व पार्षद)