यवतमाल

Published: Feb 19, 2022 11:45 PM IST

Wild Boar Terrorरालेगांव तहसील में वन्यजीवों का उत्पात, जंगली सुअर के झूंड ने एक हेक्टेयर चना किया बर्बाद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

रालेगांव: तहसील में वन्यजीवों द्वारा खेतों में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचा रहे है। फिलहाल खेतों में रबी की फसल लहलहा रही है। ऐसे में वडकी के एक किसान के खेत में जंगली सुअरों ने एक हेक्टयर की चने की फसल चट कर गया है। वन विभाग द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है और किसान मुआवजे की मांग कर रहा हैं।

वडकी क्षेत्र के कई किसानों ने रबी गेहूं और चने की फसल लगाई। इस साल की खरीफ ने किसानों के साथ अच्छा धोखा किया है। उपज से संतुष्ट किसान अब रबी सीजन से उम्मीद कर रहे हैं। चना, गेहूं, सब्ज़ी आदि फ़सलो की खेती कर रहें है। लेकिन आस्मानी और किसान विरोधी सुल्तानी संकट के साथ-साथ जंगली जानवर भी खड़ी फसलों को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे फसलों को भारी नुकसान हो रहा है।

इसी तरह की घटना वडकी के किसान दिलीप अंबाददासजी शेंबडे गट नं 63/1 की एक हेक्टेयर खेत की चने की फसल जंगली सुअरों ने नुकसान पहुंचाया है। जिसमें किसान का लाखों का नुकसान हुआ है। वन्यजीवों से होने वाली अपूरणीय क्षति के लिए कौन जिम्मेदार है? इस मौके पर उन्होंने यह सवाल उठाया है।

वन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। वन विभाग हर साल अल्प सहायता प्रदान कर किसानों के नुकसान का इलाज करता है, लेकिन इस तरह के नुकसान को रोकने के लिए अभी भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह वरिष्ठों सहित स्थानीय वन कर्मियों की अक्षम्य उपेक्षा के कारण प्रतीत होता है। वडकी के किसान दिलीप शेंबडे ​​ने मांग की है कि वन विभाग प्रशासन इस ओर तुरंत ध्यान दे और किसानों को न्याय दिलाए।

किसान अपनी फसल को जंगली सूअर, नीलगाय, हिरण और बंदर जैसे जंगली जानवरों से बचाने के लिए कई तरह के तरीकों का इस्तेमाल करते देखे जाते हैं। रंग-बिरंगी साड़ियों के चारों ओर बाड़ लगाकर किसान अपनी फसल बचाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। वहीं किसान अपनी फसल बचाने के लिए दिन-रात जान जोखिम में डाल कर खेत की रखवाली करते हैं।