यवतमाल

Published: Nov 27, 2020 11:30 PM IST

यवतमालक्या उमरखेड तहसील के वसुंधरा पाणलोट विकासकार्य के लिए वनमंत्री सभा लेगे?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

ढाणकी. उमरखेड तहसील के ढाणकी समीप कृष्णापुर, गोविंदपुर ,बालदी, कोप्रा, पिरंजी, हरदडा, अकोली और बिटरगाव गाव के लिए महाराष्ट्र सरकार के वन विभाग के तहत वसुंधरा पाणलोट प्रारूप नियोजित है. निधि उपलब्ध होने पर भी अधिकारीयों की मनमानी से काम नही हुआ. जिससे कई गावों की पानी समस्या तीव्र हुई है. उमरखेड तहसील के वसुंधरा पाणलोट विकास काम के लिए वन अधिकारीयों को जबाब पुछने के लिए वनमंत्री सभा लेगे क्या? ऐसा सवाल अब ग्रामवासी पुछ रहे है.

वसुंधरा पाणलोट के तहत ग्रामीणों को पीने का पानी उपलब्ध हो, उनका आर्थिक स्तर बढे, सामाजिक परिवर्तन हो, वन्य जीवों की प्यास बुझाना यह उद्दिष्ट है. इसलिए कृति कार्यक्रम के तहत मृद एवं जलसंधारण के कामे  करना, उसमें समस्तर पत्थर के बांध, मिट्टी नाला बांध, वनतल, सिमेंट बांध आदि का समावेश है. इसमें केवल एकही काम किया गया है. उमरखेड उपविभागीय वन अधिकारी की अकार्यक्षमता से कई गावों की पानी समस्या तीव्र हुई है. कोरोना माहामारी में निधि के अभाव में कई काम रूके हुए है. लेकिन वसुंधरा पाणलोट इस सरकार के ‘माथा टू पायथा’ विकास कार्यक्रम में केवल चुनींदा काम किए जाने की बात उजागर हो रही है.

उपविभागीय वन अधिकारी अमोल थोरात की दोस्ती  वनमंत्री संजय राठोड से है. इसलिए उन्हे छुट मिलने की चर्चा यहा है. सरकारी नियम नुसार  वसुंधरा पाणलोट क्षेत्र मेमं कोई काम नही होने से वनाधिकारी  थोरात पर ग्रामीण नाराज है. विधायक नामदेव ससाने का  वनविभाग की ओर अनदेखी होने से कई गावों में पानी समस्या तीव्र हो रही है. इस क्षेत्र का विकास निधि सरकारी खाते में 31 मार्च 2020 को वापिस जाने की कगार पर है. यहा शीघ्र कार्यक्षम अधिकारी नियुक्त करें ऐसी मांग इस क्षेत्र में हो रही है.