यवतमाल

Published: Dec 25, 2023 12:05 AM IST

Yavatmal CrimeYavatmal News: मर्डर, हाफ मर्डर और अत्याचार से शर्मसार हुआ यवतमाल, 2023 में जिले में 77 हत्या और 72 जानलेवा हमले

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. साल 2023 की शुरूआत हत्या की घटना से हुई थी और अंत भी हत्या की वारदात से हो रहा है. हालांकि अब भी साल खत्म होने के लिए एक सप्ताह का अवधि शेष बचा हुआ है. बावजूद इसके सालभर में जिले में घटित घटनाओं पर नजर डालें तो मर्डर, हाफ मर्डर और अत्याचार की घटनाओं से पूरा जिला शर्मसार हुआ है. बीत रहा साल पूरी तरह से अपराध जगत की भेंट चढते नजर आ रहा है.

77 हत्या और 72  जानलेवा हमले

मुंबई, नागपुर के बाद यवतमाल जिले की पहचान भी क्राईम सिटी के रूप में हो रही है. इसकी वजह भी काफी गंभीर है. जिले में बीत रहे साल के अंत तक 77 हत्या और 72  जानलेवा हमले किए जाने की घटनाएं सामने आयी है. इनमें कुछ पारिवारिक विवाद में होनेवाली घटनाओं के साथ ही अनेक घटनाओं को मामूली विवाद और भाईगिरी में अंजाम दिए गए है. बीत रहे साल 2023 की शुरूआत ही बाभुलगांव तहसील में एक महिला की हत्या किए जाने की घटना से हुई थीं. इसके बाद यवतमाल शहर के पांढरकवडा रोड पर स्थित श्मशानभूमि के पास दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया था. उक्त घटना की जांच चल ही रही थी कि 5 जनवरी की रात में सरकारी अस्पताल के दो निवासी डॉक्टरों पर जानलेवा हमला किया गया था.

निवासी डॉक्टरों पर हमले

गत कुछ वर्षों पहले डॉ. पाल की हत्या और फिर से निवासी डॉक्टरों पर हमले की वारदात से मेडिकल क्षेत्र में खलबली मच गई थीं. जिसके बाद निवासी डॉक्टरों ने आंदोलन शुरू किया. जिससे फिर एक बार डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा खडा हो गया था. इस घटना के दूसरे दिन मुलावा में शारीरिक संबंध प्रस्थापित नहीं करने देने पर पति ने अपनी पत्नी का गला रेतकर उसके शव को कुटार में जला दिए जाने की घटना सामने आयी थीं. इस घटना से समाजमन सुन्न हो गया था.

प्रहार पार्टी के पार्षद की हत्या

इसके अलावा मार्च महिने में बाभुलगांव के प्रहार पार्टी के पार्षद की हत्या किए जाने से राजनीतिक क्षेत्र में खलबली मच गई थीं. इसके बाद भी प्रत्येक महिने में हत्या का सिलसिला शुरू रहा. जून महिने में तकरीबन 10  हत्या की घटनाएं सामने आयी थीं. इसके बाद जुलाई महिने में पुसद तहसील के वसंतवाडी में गन्ना तुडाई के पैसों के विवाद में महिला की हत्या कर उसके पति को अगवा किए जाने का मामला सामने आया था. दिसंबर महिने के अंत तक जिलेभर में हत्या की घटनाएं सामने आ रही है. 

एक ही परिवार के चार सदस्यों को मौत के घाट उतारा 

बीत रहे साल 2023 की 19 दिसंबर की रात कलंब थाना क्षेत्र के तिरझडा पारधी बेडे पर पत्नी के चरित्र पर संदेह लेकर दामाद ने एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या कर दी. यह घटना सबसे क्रूर घटना साबित हुई. इस घटना से पूरे यवतमाल जिले में सनसनी मच गई थीं..

महिलाओं के खिलाफ हिंसा, और यौन शोषण

महिला सुरक्षा का मुद्दा प्रदेश भर में हमेशा चर्चा में रहता है. यवतमाल जिला भी इसमें पीछे नहीं है. जिले में भी महिला उत्पीड़न की कई घटनाओं ने सामाजिक सेहत को खराब कर दिया है. पिछले साल महिला उत्पीड़न के 140 से ज्यादा मामले सामने आये हैं. महिलाओं और युवतियों से छेड़छाड़ के मामले में अब तक 376 मामले दर्ज किये गये हैं. उक्त घटना के कई आरोपी अभी भी कोर्ट में पेश हो रहे हैं, लेकिन कई मामलों में कोर्ट ने पीड़ित को न्याय देते हुए आरोपियों को सजा सुनाई है.

दुर्घटनाओं की श्रृंखलाएं बदस्तूर जारी

जिले में दिसंबर माह के अंत तक हादसों का सिलसिला जारी रहा.  वर्ष के अंत तक 800 से अधिक दुर्घटनाएँ दर्ज की गई हैं.  इन हादसों में 385 नागरिकों की जान चली गई है. दुर्घटनाओं में अधिकतर मौतें सिर में गंभीर चोट लगने के कारण होती हैं. हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल और विकलांग हो गए हैं. साल का सबसे भयानक हादसा पांढरकवड़ा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत अखबार पार्सल ले जा रहे एक वाहन के साथ हुआ. इस हादसे में चार की मौके पर ही मौत हो गई. आए दिन सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.

चिंतन का विषय है आत्महत्या की घटना

पिछले साल जिले में किसानों की आत्महत्याएं चिंता का विषय बन गई हैं, लेकिन अन्य कारणों से आत्महत्याओं की संख्या भी बढ़ी है. वणी मारेगांव, झरी जामनी तालुका पिछले साल आत्महत्याओं के लिए हॉटस्पॉट बन गए हैं. महिलाओं और पुरुषों के साथ-साथ कम उम्र के बच्चों ने भी मौत से बचने के लिए आत्महत्या का रास्ता अपना लिया है. झरी तहसील में सितंबर महीने और अक्टूबर की शुरुआत में एक हफ्ते के भीतर दो प्रेमी जोड़ों ने आत्महत्या कर ली थीं. ऐसे में जिले में आत्महत्या चिंता का विषय बन गया है.